3 मई (Lockdown) के बाद ट्रेन चलाने के लिए इन संभावनाओं पर विचार कर रहा रेलवे (Indian Railway)
लॉकडाउन में भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अगले आदेश तक सभी ट्रेनों को (Passenger Trains) को रद्द कर दिया है. लॉकडाउन के ख़त्म होने की समयसीमा 3 मई के बाद भी आगे की तारीखों के लिए कोई रिजर्वेशन नहीं कराये जा रहे हैं.
नई दिल्ली:
लॉकडाउन में भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अगले आदेश तक सभी ट्रेनों को (Passenger Trains) को रद्द कर दिया है. लॉकडाउन के ख़त्म होने की समयसीमा 3 मई के बाद भी आगे की तारीखों के लिए कोई रिजर्वेशन नहीं कराये जा रहे हैं. अब मोदी सरकार के आदेश के बाद ही रेलवे ट्रेन चलाने की तारीखों का ऐलान करेगा. मोदी सरकार भी इस मसले पर सभी राज्यों से बात करके कोई निर्देश जारी करेगी. अभी जिस तरह से कोरोना के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है, उससे इस बात की सम्भावना काम ही है कि ३ मई को लॉकडाउन खुलेगा. अब रेलवे अधिकारी अलग-अलग ज़ोन और डिवीज़न के हिसाब से प्लानिंग कर रहे हैं. रेलवे अधिकारी इन संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं :
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- पहले केवल कुछ चुनिंदा ट्रेनें चलाई जाएं. ये स्पेशल ट्रेनों की तरह हों और इसका किराया ज़्यादा रखा जाए. इससे शुरू में ट्रेनों में भीड़ को कम रखने में मदद मिलेगी और केवल वही लोग यात्रा करेंगे जिनके लिए ये बेहद जरूरी हो.
- रेलवे ने 19 मार्च से ही दिव्यांगों, स्टूडेंट्स और मेडिकल ग्राउंड पर टिकटों पर मिलने वाले कंसेशन के अलावा सभी छूट पर रोक लगाई हुई है. इसका मक़सद ट्रेनों में भीड़ को कम करना था. संभावना है कि रेलवे इस आदेश को जारी रखेगा ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को यात्रा करने से रोका जा सके.
- शुरू में केवल स्लीपर कोच वाली ट्रेन चलाई जाए. इसमें केवल उन्हीं लोगों को यात्रा करने दिया जाए जिनके पास कन्फर्म टिकट हो. इससे जनरल क्लास के डब्बे वाली भीड़ से बचा जा सकता है. दूसरी तरफ AC डब्बों के बंद माहौल में संक्रमण की संभावनाओं को भी स्लीपर ट्रेन से टाला जा सकता है.
- रेलवे ने स्लीपर क्लास के 5 हज़ार से ज़्यादा डब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है. इसके लिए बीच की एक सीट को हटा दिया गया है. हालांकि अभी आइसोलेशन वार्ड के तौर पर इन डब्बों की जरूरत नहीं पड़ी है. साथ ही गर्मी की वजह से फ़िलहाल इनके उपयोग की संभावना कम है. ऐसे में रेलवे इन डब्बों से स्लीपर-2 के तौर पर स्पेशल क्लास की ट्रेन भी चला सकता है. इससे सोशल डिस्टनसिंग में भी मदद मिलेगी.
- जिन इलाकों में कोरोना के ज़्यादा मामले आ रहे हों वहां से न तो कोई आये न ही कोई ट्रेन जाए.
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