logo-image

रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, 50 रेलवे स्टेशन और 150 ट्रेनों के निजीकरण को लेकर बनाई कमेटी

रेल मंत्रालय (Indian Railway) ने तेजस (Tejas) के बाद अब 150 ट्रेनों और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में देने के लिए एक कमेटी बनाई है.

Updated on: 10 Oct 2019, 10:38 PM

नई दिल्ली:

रेल मंत्रालय (Indian Railway) ने तेजस (Tejas) के बाद अब 150 ट्रेनों और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में देने के लिए एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के सेक्रेटरी और फाइनेंशियल कमिश्नर (रेलवे) शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंःदेश की प्रमुख दरगाहों से डेलिगेशन जाएगा कश्मीर, वहां के लोगों को देंगे ये संदेश

ट्रेनों और स्टेशनों के निजीकरण को लेकर नीति आयोग ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को एक खत लिखा है. इस खत में 400 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तर का बनाए जाने को लेकर जिक्र है. इसमें कहा गया है कि कई साल से ऐसी बातें की जाती रही हैं, लेकिन वास्तव में इक्का-दुक्का स्टेशनों को छोड़कर इसको कहीं भी कार्यान्वित नहीं किया गया है.

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को लिखे गए पत्र में कहा कि रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तर का बनाने के काम को लेकर रेल मंत्री से चर्चा की गई है. इसमें यह बात सामने आई है कि 50 स्टेशनों को वरीयता के आधार पर विश्व स्तर का बनाया जाए और इस काम में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जाए.

यह भी पढ़ेंःएस जयशंकर चले सुषमा स्वराज के नक्श-ए-कदम पर, ट्वीट कर दिया बड़ा आश्वासन

बता दें नीति आयोग के सीईओ ने हाल ही में 6 एयरपोर्ट के निजीकरण के अनुभव के बारे में जिक्र करते हुए कहा था कि इसी तरीके का काम रेलवे के लिए भी किया जा सकता है. इसी आधार पर उन्होंने ट्रेनों के निजीकरण के लिए एक इंपावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज बनाने का सुझाव दिया था. इससे पहले खबरें आई थीं कि रेलवे 150 ट्रेनों का संचालन प्राइवेट कंपनियों को देने की तैयारी में है. बताया गया कि इस बारे में रेल मंत्रालय ने फैसला ले लिया है.