कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते खतरों के देखते हुए मोदी सरकार (Modi Government) ने तीसरी बार 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. हालांकि, इससे पहले दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेनें चलाकर उन्हें गृह राज्य पहुंचाने का निर्देश दिया है. रेलवे की ओर से चलाई जा रही इस स्पेशल ट्रेनों को 'श्रमिक स्पेशल' का नाम दिया गया है. ये ट्रेनें सिर्फ प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही हैं, जो अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं.
यह भी पढ़ेंःJammu-Kashmir: पुलवामा में मुठभेड़, दो आतंकवादी मारे गए
गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने रेल मंत्रालय की ओर से चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों से देशभर में विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही की अनुमति देने का आदेश जारी किया था. रेल मंत्रालय ने इन प्रवासी लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.
साथ ही रेल मंत्रालय ने टिकटों की बिक्री, रेलवे स्टेशनों एवं रेल प्लेटफार्म पर व ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर अमल के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया. इसके बाद लोग स्टेशनों पर पहुंचने लगे तो इस पर रेलवे ने एक अपील जारी की है. पश्चिम रेलवे ने ट्वीट कर कहा कि सभी लोग स्टेशन न आए. सिर्फ वही लोग आएं जो लोग रजिस्टर्ड है और जिन्हें उनके राज्य सरकार से अनुमति मिली है.
यह भी पढ़ेंःदिल्लीः कापसहेड़ा में एक ही बिल्डिंग के 41 लोग कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप
पश्चिम रेलवे ने आगे कहा कि कृपया ध्यान दें- विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों द्वारा रजिस्टर्ड और नामित व्यक्तियों के लिए ही प्लान की जा रही हैं. कोई व्यक्ति किसी भी कारण से रेलवे स्टेशनों पर न आए. किसी को भी व्यक्तिगत रूप से रेल टिकट नहीं दिए जाएंगे और न ही कोई व्यक्तिगत अनुरोध स्वीकार किया जाएगा. वहीं, रेलवे ने कहा कि 17 मई तक सभी मेल, एक्सप्रेस, सबर्बन आदि यात्री गाड़ियां निरस्त हैं. विभिन्न स्थानों पर रुके श्रमिकों, स्टूडेंट, श्रद्धालुओं आदि के लिए विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों के अनुरोध पर सिर्फ उनके द्वारा रजिस्टर-नामित लोगों के लिए ही प्लान होंगी. अतः राज्य सरकारों के नोडल अधिकारी से संपर्क करें.
मानक प्रोटोकॉल्स के मुताबिक इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी रिसीव करने वाली संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष ट्रेनें एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. यात्रियों को भेजने वाले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाएगी, जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जाएगा.
कहा गया था कि लोगों भेजने वाली राज्य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बसों में बैठाकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और अन्य सावधानी का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा. हर व्यक्ति के लिए फेस कवर लगाना जरूरी होगा. भेजने वाले राज्यों की ओर से शुरुआती स्टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा.