रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर कर सकती है बड़ा फैसला, यात्रियों पर भी पड़ेगा असर

Indian Railway: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को निजी हाथों में सौंपने के लिए नई योजना पर काम कर रहा है.

Indian Railway: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को निजी हाथों में सौंपने के लिए नई योजना पर काम कर रहा है.

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Dhirendra Kumar
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रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर कर सकती है बड़ा फैसला, यात्रियों पर भी पड़ेगा असर

वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express-Train18)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Indian Railway: देश की पहले स्वदेशी तकनीक पर आधारित सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express-Train18) को निजी हाथों में सौंपा जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड इस ट्रेन को निजी हाथों में सौंपने के लिए नई योजना पर काम कर रहा है. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020 में प्रीमियम ट्रेन के रेल मार्ग पर चार वंदे भारत को चलाने के लक्ष्य बनाया गया है.

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गौरतलब है कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने तेजस एक्सप्रेस की ही तरह 2020 में चार ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया है. हालांकि रेलवे ने 2019 में तेजस एक्सप्रेस को बंद करने का निर्णय ले लिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2018-19 से 2021-22 तक तेजस एक्सप्रेस के एक भी कोच का निर्माण नहीं किया जाएगा.

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वंदे भारत एक्सप्रेस को निजी कंपनियों को सौंप देगी IRCTC
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि तेजस एक्सप्रेस के बजाए वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने पर विचार किया जा रहा है. नई योजना के तहत 2020-21 में चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IRCTC को चरणबद्ध तरीके से इन ट्रेनों को चलाने के लिए दिया जा सकता है. आईआरसीटीसी (IRCTC) बाद में टेंडर के जरिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली निजी कंपनियों को वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए सौंप देगी. बता दें कि करीब 150 ट्रेनों को निजी ट्रेन ऑपरेटर्स को सौंपने के लिए रेलवे बोर्ड दिशा निर्देश तैयार कर रहा है.

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बता दें कि ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया है. इसका परिचालन परीक्षण रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की देखरेख में किया गया है. परीक्षण के दौरान ट्रेन का 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से परिचालन सफल रहा. यह ट्रेन अधिकतम 200 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम है. गौरतलब है कि टाटा समेत देश की कई बड़ी कंपनियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने के लिए दिलचस्पी दिखाई है.

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