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बंद पड़े PPF अकाउंट को दोबारा शुरू करने का सबसे आसान तरीका, जानिए कैसे

PPF अकाउंट में कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख सालाना जमा किया जा सकता है. PPF अकाउंट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट उपलब्ध है.

Updated on: 14 Jun 2021, 12:15 PM

highlights

  • PPF खाते में अर्जित संपूर्ण ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत कर मुक्त है 
  • परिपक्वता के उपरांत PPF खाते को 5-5 वर्ष के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है

नई दिल्ली :

Public Provident Fund: अगर आप अपने पैसे को एकदम सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानि PPF से बेहतर जगह नहीं हो सकती है. यही नहीं पीपीएफ निवेश से अन्य विकल्पों की तुलना में कम जोखिम और ज्यादा रिटर्न भी मिलता है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के मौजूदा दौर में बैंकों में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं. ऐसे में PPF अकाउंट का महत्व काफी बढ़ गया है, क्योंकि वहां पर FD के मुकाबले अभी भी ज़्यादा ब्याज मिल रहा है. PPF अकाउंट में कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख सालाना जमा किया जा सकता है. वहीं किसी कारणवश कोई PPF खाताधारक किसी वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च में न्यूनतम राशि का योगदान करने में विफल रहता है तो अकाउंट बंद होने से निकासी की सुविधा भी बंद हो जाती है. 

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15 साल के पहले बंद होने पर ऐसे शुरू कर सकते हैं अकाउंट
जानकारों का कहना है कि पीपीएफ अकाउंट को 15 साल की मैच्योरिटी से पहले बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर आप उससे पहले बंद हुए अकाउंट को दोबारा शुरू करना चाहते हैं तो इस आसान प्रक्रिया के द्वारा फिर से शुरू किया जा सकता है. खाताधारक को बंद किए गए PPF अकाउंट को दोबारा खोलने के लिए जिस बैंक या पोस्ट ऑफिस में वह खोला गया है वहां पर एप्लिकेशन देनी होगी. खाताधारक को डिफॉल्ट के प्रत्येक साल के लिए 50 रुपये जुर्माना और बकाया प्रत्येक साल के लिए 500 रुपये और अकाउंट को दोबारा शुरू करने वाले वर्ष के लिए न्यूनतम सदस्यता शुल्क 500 रुपये का भुगतान करना होगा. सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद पीपीएफ अकाउंट दोबारा शुरू हो जाएगा.

आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट
PPF अकाउंट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट उपलब्ध है. इसके अलावा खाते में अर्जित संपूर्ण ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत कर मुक्त है. तीसरे वित्तीय वर्ष से लेकर छठे वित्तीय वर्ष तक खाते में से लोन की सुविधा भी मिलती है और सातवें वित्तीय वर्ष से खाते में से निकासी की जा सकती है. परिपक्वता के उपरांत खाते को 5-5 वर्ष के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन इसमें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि जमा करना अनिवार्य है.

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हर तीन महीने में होती है पीपीएफ के ब्याज दर की समीक्षा
आपको बताते चलें कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट फिक्स नहीं होता है. सरकार हर तीन महीने में इसके रेट की समीक्षा करती है और जरूरी होने पर इसमें बदलाव किए जाते हैं. जानकारों का कहना है कि PPF में निवेश करके ज्यादा ब्याज की कमाई के लिए हर महीने की 5 तारीख से पहले निवेश करना चाहिए. पीपीएफ में किया गया निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और इसके डूबने की गुंजाइश भी ना के बराबर होती है. चूंकि यह स्कीम सरकार की है इसीलिए वह इसकी सुरक्षा की गारंटी भी देती है. ऐसे में निवेशकों को पीपीएफ में निवेश करने से पहले घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.