मोदी सरकार ने एक अप्रैल से छोटी बचत पर ब्याज दरों में की भारी कटौती, जानें यहां
PPF Interest rate reduced : मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Scheme) के जरिए निवेश करने वालों को झटका मिला है. केंद्र सरकार ने बुधवार को छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली:
PPF Interest rate reduced : मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Scheme) के जरिए निवेश करने वालों को झटका मिला है. केंद्र सरकार ने बुधवार को छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का ऐलान किया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, छोटी योजनाओं पर ब्याज दर 1.10 फीसदी तक घटाई गई है. पूरे देश में नई दरें नए वित्तीय साल की एक अप्रैल 2021 से लागू होंगी. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) या पीपीएफ के जरिए निवेश करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है, क्योंकि इसके ब्याज दर में 70 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है. इस पर अभी तक 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा था, जोकि अब घटा कर 6.4 फीसदी कर दिया गया है. एनएससी पर ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत किया गया है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर 7.4% से घटाकर 6.5% किया गया.
सुकन्या समृद्धि योजना में भी कटौती
बालिका की शिक्षा और उसकी शादी के लिए शुरू की गई महत्वकांक्षी सुकन्या समृद्धि योजना में भी ब्याज दर में कटौती हुई. इस योजना पर अभी तब 7.6 प्रतिशत सलाना का ब्याज मिलता था. इसे अब घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है. मतलब कि इसमें भी 70 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर गिरी गाज
अभी तक सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme) पर 7.4 फीसदी का ब्याज मिला करता था. इसे घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है. अब मंथली इनकम अकाउंट पर भी 6.6 प्रतिशत के बजाए 5.7 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर 6.8 प्रतिशत के बदले 5.9 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा.
PPF Vs NPS: करोड़पति बनने के सपने को साकार करने में कौन है मददगार
PPF Vs NPS: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम निवेश के दो महत्वपूर्ण साधन है. हालांकि दोनों ही प्रोडक्ट में कुछ अंतर भी हैं ऐसे में जब भी पीपीएफ (PPF) और एनपीएस (NPS) में से किसी एक का चुनाव करना होता है तो निवेशक असमंजस में पड़ जाते हैं. एनपीएस अकाउंट में शेयर की हिस्सेदारी अधिक होती है. शेयर बाजार (Share Market Latest News) से जुड़ा होने की वजह से एनपीएस में निवेश से ज्यादा रिटर्न (How To Become A Crorepati) की संभावना रहती है. अगर कोई व्यक्ति NPS में 100 रुपये और पीपीएफ में 100 रुपये निवेश करता है तो उस व्यक्ति को पीपीएफ के ऊपर 7.1 फीसदी का रिटर्न मिलता है. वहीं एनपीएस के ऊपर 10 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है, जो कि पीपीएफ (Public Provident Fund) के मुकाबले ज्यादा है.
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