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Online Fraud: त्योहारी सीजन आते ही फिर सक्रिय हुए डिजिटली ठग, मेहनत की कमाई पर डाल रहे डाका

Online Fraud: जैसे ही त्योहारी सीजन आता है, उससे एक माह पहले ही डिजिटली ठग अपना शिकार खोजना शुरू कर देते हैं. जन्माष्टमी के बाद दशहरा, दिवाली के लिए लोगों ने शॅापिंग करना शुरु कर दिया है.

Updated on: 13 Sep 2023, 10:16 AM

highlights

  • साइबर सेल और गृह मंत्रालय पहले ही कर चुके हैं अलर्ट, सतर्कता ही बचाव
  • डिस्काउंट और कैशबैक ऑफ़र के लालच में खा सकते हैं गच्चा
  • फर्जी वेबसाइटों की मार्केट में भरमार, डिक्टो असली की तरह ही दिखती हैं ई-कॅामर्स वेबसाइटें

नई दिल्ली :

Online Fraud: जैसे ही त्योहारी सीजन आता है, उससे एक माह पहले ही डिजिटली ठग अपना शिकार खोजना शुरू कर देते हैं. जन्माष्टमी के बाद दशहरा, दिवाली के लिए लोगों ने शॅापिंग करना शुरु कर दिया है. बस इसी का इंतजार इन ऑनलाइन फ्रॅाड करने वालों को रहता है. क्योंकि व्यक्ति के माइंड पर साइक्लोजिकल अटैक करना इनको आता है.  साइबर सेल ने लोगों को चेताते हुआ कहा है कि सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग ही नहीं, बल्कि बैंक लोन प्रोसेस, डिस्काउंट और कैशबैक ऑफ़र भी आपसे चोरी के बहाने के रूप में यूज किए जा सकते हैं. जिससे आपको भारी नुकसान होने की संभावना है. इसलिए अलर्ट रहकर ही इनसे बचा जा सकता है... 

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मार्केट में फर्जी ई-कॅामर्स साइटों की भऱमार
दरअसल, डिजिटली ठगों ने अब सनातन धर्म के त्योहारों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है. क्योंकि त्योहारी सीजन में हर व्यक्ति कम या ज्यादा शॅापिंग जरूर करता है. ऐसे में ये जालसाज सोशल साइटों के माध्यम से लोगों को ठगने की योजना बनाते हैं. आपकी फेसबुक या व्हाट्सएप पर लुभावने ऑफर वाले लिंक शेयर करते हैं. 500 रुपए की चीज के थंबनिल पर जब 100 रुपए प्राइस लिखा होता है तो कोई भी उसे क्लिक करके जरूर देखता है. बस यहीं से ठग अपना काम स्टार्ट कर देते हैं. उसके बाद संबंधित व्यक्ति के सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म पर उस तरह की ही सामग्री पोस्ट की जाती है. ताकि वह उन्हें खोलकर देखता रहे. हर कोई न कोई डिटेल्स संबंधित व्यक्ति की चुरा ली जाती है. जिसके बाद खाते को निल कर दिया जाता है. बताया जा रहा है कि इस तरह की कई शिकायतें साइबर सेल को मिल रही है... 

असली जैसी दिखती है फर्जी वेबसाइटें 
मार्केट में मौजूद इन फर्जी वेबसाइट को वेरिफाई करने की जहमत कोई नहीं उठाता.  जिससे वे सामान खरीद रहे हैं या पैसे दे रहे हैं. ऑनलाइन मौजूद बैंकों, ई-कॉमर्स और अन्य कंपनियों की इतनी सारी फर्जी वेबसाइटें हैं, जो लगभग असली दिखती हैं. बहुत से लोग अक्सर नकली वेबसाइटों के प्रस्तावों के लालच में आ जाते हैं और साइबर अपराधियों को बड़ी रकम का भुगतान करते हैं. त्यौहारी मौसम में दर्जनों फर्जी वेबसाट मार्केट में हैं. जो आपको लुभावने लालच में फंसा सकती है.  इसलिए सोच-समझकर ही किसी ऑफर को क्लिक करें अन्यथा फंसने के चांस ज्यादा हो जाते हैं. 

बचाव का तरीका
अविश्वसनीय रूप से अच्छे ऑफर्स के साथ कॉल करने वाले अजनबियों से बात न करें
ये ऑफर आमतौर पर हमेशा नकली होते हैं. फोन, एसएमएस, सोशल मीडिया या यहां तक ​​कि ईमेल पर भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें. 
किसी भी हालत में आपको अपना यूजर नेम, पासवर्ड और ओटीपी किसी भी अजनबी के साथ साझा नहीं करना चाहिए.
 किसी भी शॉपिंग कंपनी का लिंक खोजने के लिए गूगल सर्च पर न जाएं. 
टॉप पर आने वाला सर्च रिजल्ट नकली हो सकता है. वह असली के रूप में मुखौटा हो सकता है. 
आपके फोन पर कोई अनजान ओटीपी आए तो उसे किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें.