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देश का एक ऐसा गांव जहां 7 दिन पहले मनाई जाती है दिवाली, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Diwali Special: रोशनी का त्योहार दीपावली हर साल अमावस्या के दिन मनाया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक ऐसा गांव है जहां पर दीवाली एक हफ्ते पहले ही मनाई जाती है.

Updated on: 19 Oct 2022, 11:15 AM

highlights

  • छत्तीसगढ के इस गांव में दिवाली एक सप्ताह पहले मनाने की अनोखी वजह 
  • दिवाली का जश्न देखने को दूर-दूर से आते हैं लोग 
  • दिवाली के ठीक 7 दिन पहले हर घर लाइट और दीपकों से होता है जगमग

नई दिल्ली :

Diwali Special: रोशनी का त्योहार दीपावली हर साल अमावस्या के दिन मनाया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक ऐसा गांव है जहां पर दीवाली एक हफ्ते पहले ही मनाई जाती है. सेमरा गांव का हर घर दीप, लाइटिंग से जगमग कर रहा है.और यहां के वासियों में गजब का उत्साह है. वक्त बदल गए, लोग बदल गए,  लेकिन सेमरा गांव की परंपरा आज भी वैसी है. कोई भी त्योहार हो. इस गांव में एक हफ्ते पहले ही मनाया जाता है. है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. दीपावली जैसा माहौल पूरे गांव में देखने को मिला है. लोग घरों को सजाते हैं. साथ ही इसी दिन हर घर पकवान भी बनाए जाते हैं.

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आपको बता दें कि अपने परिवार के साथ मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करते हैं. प्रसाद बांटते हैं और फिर उसके बाद पटाखे फोड़ते हैं. इस दौरान गांव वासियों के रिश्तेदार भी आते हैं और पूरे धूमधाम के साथ त्योहार मनाते हैं. इस अनोखे दस्तूर के पीछे अतीत की एक दास्तां है. कहते हैं सदियो पहले गांव के देवता सिदार ने एक व्यक्ति को सपने में दर्शन दिए और कहा कि हर त्योहार मनाने से पहले उन्हे हूमधूप देना जरुरी है.

 अवमानना करने पर गांव में अनहोनी होगी. इसको लेकर ही गांव के लोग देवता को खुश करने के लिए एक हफ्ते पहले सभी त्योहार मनाते हैं .जो अब परंपरा बन गई है. गांव के लोगों का कहना है कि इस परंपरा के चलते उन्हें अपने रिश्तेदारों से मिलने का मौका मिलता है और एक साथ पर्व मनाने की खुशी मिलती है. इस अनूठी परंपरा से भरा सेमरा गांव की दिवाली देखना अद्भुत ही नहीं बल्कि रोचक है जो परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं.