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भारत में फिर बंद होंगे 500 के पुराने नोट?, विशेषज्ञों सें मांगी जा रही राय

Currency Notes: सन 2016 में केन्द्र की मोदी सरकार (Modi government)ने भारतीय करेंसी में बदलाव (change in indian currency) किया था. लेकिन एक बार फिर 5 से लेकर 500 रुपए तक के नोटों में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है.

Updated on: 07 Sep 2022, 08:54 AM

highlights

  • नई करेंसी  की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों को होती है परेशानी 
  • दृष्टिबाधित व्यक्तियों के राष्ट्रीय संघ की याचिका पर सुनावाई कर रही अदालत
  • 5 रुपए से 500 रुपए तक के नोटों की पहचान में है परेशानी

नई दिल्ली :

Currency Notes: सन 2016 में केन्द्र की मोदी सरकार (Modi government)ने भारतीय करेंसी में बदलाव (change in indian currency) किया था.  लेकिन एक बार फिर 5 से लेकर 500 रुपए तक के नोटों में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है. इसका मुख्य कारण  दृष्टिबाधित लोगों को करेंसी की पहचान न होना बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक दृष्टिबाधित व्यक्तियों (visually impaired persons)के राष्ट्रीय संघ की याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही है. हालाकि अभी आरबीआई (RBI)इसको लेकर विशेषज्ञों से राय ले  रहा है. बताया जा रहा है कि अदालत ने संघ के वकील को विशेषज्ञों से देश में रुपये तथा सिक्कों को दृष्टिबाधित लोगों के लिये अनुकूल कैसे हों, इसके लिए सूझाव लेने को कहा है.

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ये है माजरा 
सूत्रों का दावा है कि "न्यायधीश प्रसन्न वराले और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने राष्ट्रीय संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि आदेश से पहले विशेषज्ञों की राय बहुत जरूरी है"  दृष्टिबाधित लोगों के राष्ट्रीय संघ ने साफ कहा है कि संबंधित नोटों की पहचान में बहुत परेशानी होती है. इसलिए विचार किया जाए. हालाकि अभी कोई फैसला नहीं आया है. सिर्फ एक्सपर्ट की राय मांगी जा रही है. ताकि कोई उचित फैसला लिया जा सके.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का पक्ष
आरबीआई ने पहले ही कोर्ट को बता दिया था कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए उन्होने करेंसी में कई विशेषताओं को शामिल किया गया है. ताकि दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान में कोई कठिनाई न आए. इसके बाद भी राष्ट्रीय संघ के वकील उदय वरूंजीकर से इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेने को कहा गया है. खंड पीठ ने कहा कि ‘‘कुछ विशेषज्ञों के सुझाव लें कि सिक्कों और रुपये को ‘डिजाइन’करने के लिये कौन से उपाय और तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे वे पूरी तरह से या आंशिक रूप से दृष्टिबाधित लोगों के अनुकूल हों’’. अब मामले की अगली सुनवाई पर कुछ साफ हो पाएगा कि आखिर क्या किया जाए. वैसे भी करेंसी बदलने का फैसला लेना आसान नहीं होता है.