अब मार्केट में आएगी पानी से चलने वाली कार, इतने रुपए प्रति किमी पड़ेगी कॅास्ट

petrol-diesel : महंगे पेट्रोल-डीजल ने आम आदमी का बजट खराब कर दिया है. जिसके चलते लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करना शुरू कर दिय़ा है. हालांकि अब मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी आ गए हैं.

petrol-diesel : महंगे पेट्रोल-डीजल ने आम आदमी का बजट खराब कर दिया है. जिसके चलते लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करना शुरू कर दिय़ा है. हालांकि अब मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी आ गए हैं.

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Sunder Singh
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फाइल फोटो ( Photo Credit : google)

petrol-diesel : महंगे पेट्रोल-डीजल ने आम आदमी का बजट खराब कर दिया है. जिसके चलते लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करना शुरू कर दिय़ा है. हालांकि अब मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी आ गए हैं. लेकिन अभी भी इन वाहनों के दाम इतने ज्यादा हैं कि हर व्यक्ति के खरीदना मुश्किल है.  आपको बता दें कि लेकिन अब मिडिल क्लास के लिए खुशखबरी आने वाली है. उम्मीद है कि कुछ दिनों बाद मार्केट में ग्रीन हाईड्रोजन से चलने वाली कारें पहुंच जाएंगी. जिसके बाद आपकी प्रति किमी की कॅास्ट घटकर 10 प्रतिशत ही रह जाएगी. एक्सपर्ट के मुताबिक ये कारें सिर्फ 1 रुपए प्रति किमी के हिसाब से सड़क पर फर्राटा भरती नजर आएंगी. हालांकि मार्केट ये वाहन कब तक पहुंचेंगे इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है... 

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पहले ही जानकारी कर चुके हैं शेयर
 दरअसल, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी दिल्ली में एक निजी चैनल के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होने बताया था कि  बहुत जल्द देश से पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की निर्भरता कम हो जाएगी. क्योंकि भारत में ग्रीन हाइड्रोज चलित कार मार्केट में आने के लिए वे कंपनी से बात कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक पहली ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen)यानि पानी से  चलने वाली कार भारत पहुंच गई थी. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं उस कार की सवारी करके संसद पहुंचे थे. लेकिन ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ये कारें आम जन के लिए कब तक उपलब्ध होंगी. क्योंकि इस बात को दो साल बीत चुके हैं. बताया जा रहा है कि ऑटोमोबाइल कंपनी इस पर काम कर रही है. शायद इस साल के अंत तक ये वाहन मार्केट में आ जाएं. 

इस ईंधन की संभावनाएं भी बढ़ी
 आपको बता दें कि पेट्रोल-ड़ीजल की  निर्भरता काफी हद तक पिछले दो सालों में कम हुई है. इसके पीछे सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहन हैं. हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों ने इतनी मार्केट अभी नहीं पकड़ी हैं. क्योंकि इनकी कॅास्ट बहुत ज्यादा है. जिसके चलते हर व्यक्ति इन्हें नहीं खरीद सकता है... आपको बता दें कि सरकार फ्लेक्स फ्यूल इंजन (Flex Fuel Engine) को अगले 6 महीने में अनिवार्य करने की ओर काम कर रही है. बताया जा रहा है कि नियम हर तरह के वाहनों के लिए बनाया जाएगा. इसके अलावा सभी ऑटो कंपनियों को आदेश दिए जाएंगे कि वह फ्लेक्स फ्यूल इंजन को अपने वाहनों में फिट करें. ताकि लोगों को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से निजात दिलाई जा सके.

HIGHLIGHTS

  • केन्द्रीय परिवहन मंत्री पहले ही संसद पहुंचकर दे चुके हैं संदेश
  • नई सरकार के गठन के बाद एक बार फिर से होने लगी चर्चा
  • इस साल के अंत तक आम जन के लिए ग्रीन हाईड्रोजन से चलित कार पहुंचेगी मार्केट

Source : News Nation Bureau

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