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अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे ये डीजल वाहन, 1 अक्टूबर से प्रतिबंद का फरमान

Pollution new rule: दिल्ली में डीजल वाहन (diesel vehicle) चलाने वालों के लिए ये खबर बहुत बुरी है. क्योंकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM)ने डीजल वाहनों को लेकर नई नीति तैयार की है.

Updated on: 10 Aug 2022, 09:53 AM

highlights

  • लाखों डीजल गाड़ियां हो जाएंगी कबाड़ में तब्दील
  • बीएस4 इंजन वाले वाहनों पर पूर्णत: प्रतिबंद लगाने की उम्मीद 
  • प्रदूषण के चलते सरकार को लेने पड़ेंगे कठोर फैंसले

नई दिल्ली :

Pollution new rule: दिल्ली में डीजल वाहन (diesel vehicle) चलाने वालों के लिए ये खबर बहुत बुरी है. क्योंकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM)ने डीजल वाहनों को लेकर नई नीति तैयार की है. जिसमें 1 अक्टूबर  से बीएस4 इंजन (BS4 Engine) वाले वाहनों को न चलाने का फरमान सुनाया है. आपको बता दें दिल्ली में प्रदूषण लेवल (pollution level in delhi) कम करने के लिए  ये फैसला लिया गया है. क्योंकि अक्टूबर के माह से ही दिल्ली में स्मॅाग  का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (air quality management commission) ने अपनी नई नीति 1 अक्टूबर से लागू करने की बात कही है. आपको बता दें कि 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन दिल्ली एनसीआर में पहले से ही प्रतिबंधित हैं. ऐसे में बीएस4 (BS4 Engine)वाले वाहनों पर  प्रतिबंद लगाने से लाखों वाहन घरों में कैद करने होंगे. हालाकि अभी इस पर बैठकों का दौर चल रहा है. कोई रास्ता भी निकाला जा सकता है.

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दरअसल, खासकर अक्टूबर से लेकर नवंबर तक दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए बहुत बुरा समय होता है. इस दौरान खेतो में पराली जलाई जाती है. साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर इतना खराब  हो जाता है कि दिल्ली में सांसों पर भी खतरा मंडराने लगता है. इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 1 अक्टूबर से बीएस4 डीजल इंजन वाले वाहनों पर प्रतिबंद लगाने को कहा है.  आयोग का मानना है कि बीएस3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल इंजन वाले वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं. यानि हवा को दूषित करते हैं. समस्या को ध्यान में रखते हुए ही ये कदम उठाया गया है, आयोग के मुताबिक  स्टेज 3 में एक्यूआई 400 से 450 के बीच रहता है.  इससे ज्यदा बढ़ना खतरे की घंटी होता है.

नहीं मिलेगा फ्यूल 
आपको बता दें कि इस प्रतिबंद में आवश्यक वस्तुओं को लेकर जाने वाले वाहन नहीं आएंगे. उन्हें वैरिफिकेशन के बाद आने-जाने की अनुमति रहने की बात कही गई है. इसके अलावा ये भी कहा गया गया है कि जिन वाहन संचालकों के पास 2023 तक वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे वाहनों को पेट्रोल पंप से फ्यूलिंग भी नहीं होगी. वायू प्रबंधन आयोग ने सरकार से कहा है कि अक्टूबर को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी शुरू कर दें. ताकि बाद में कोई दिक्कत न आए.