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अब जरूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल हुई ये 34 दवाएं, 350 विशेषज्ञों ने लगाई मुहर

essential medicines: अब आम आदमी के स्वास्थ्य को लेकर सरकार भी चिंतित है. इसलिए समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाओं (health services) के सुधार के लिए कुछ न कुछ काम करती रहती है.

Updated on: 14 Sep 2022, 09:17 AM

highlights

  • एक्सपर्ट ने लगभग 26 दवाओं को लिस्ट से बाहर करने की भी की घोषणा 
  • मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम जैसी दवाओं को किया गया शामिल

नई दिल्ली :

essential medicines: अब आम आदमी के स्वास्थ्य को लेकर सरकार  भी चिंतित है. इसलिए समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाओं  (health services) के सुधार के लिए कुछ न कुछ  काम करती रहती है. ताजा जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने जरूरी दवाओं ( NLEM-2022)की सूचि में 34 अन्य दवाओं को शामिल किया है. साथ ही कुल 26 दवाओं को सूचि से बाहर भी किया गया है.  बताया जा रहा है कि नई सूचि में शामिल दवाओं में कई कई ऐसी दवाएं हैं जिन्हें खरीदने में आम आदमी के पसीने छूटते थे. जरूरी दवाओं की सूचि में शामिल होने से इनकी कीमतों पर भी असर होगा. यानि कीमतें सस्ती हो जाएंगी. 34 नई दवाओं को शामिल करने के पीछे सरकार का उद्देश्य भी यही है  ताकि दवाएं आम आदमी की पहुंच में रहे.

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आपको बता दें कि 2015 में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची ( NLEM-2022) में कुल 376 दवाएं थीं. लेकिन अब इस सूचि में दवाओं की संख्या बढ़ाकर कुल 384 की गई है. हालाकि कोविड -19 दवाओं और टीकों को एनएलईएम 2022 का हिस्सा नहीं बनाया गया है. सरकार  का मानना है कि कोविड -19 एक महामारी है. इस तरह की दवाओं को बचाकर रखना विभाग का फर्ज होता है. क्योंकि ये दवाएं आपातकालीन स्थति में आती हैं. हालाकि नई सूचि में कई ऐसी दवाएं भी शामिल की गई हैं. जिनकी कीमतें काफी ज्यादा थी. अब इन्हें रिजनेबल रेट पर लोगों को प्रोवाइड कराया जाएगा.

ये दवाएं हुई शामिल 
एनएलईएम 2022 में अधिकांश दवाएं ऐसी हैं जो गंभीर बीमारियों में काम आती हैं. जैसे  एंटी-इन्फेक्टिव ,एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, वहीं मधुमेह के लिए काम आने वाली दवा, इसके अलावा एचआईवी, टीबी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में काम आने वाली दवाएं शामिल की गई हैं. यही नहीं 2022 की सूचि में  गर्भनिरोधक, हार्मोनल दवाओं को भी रखा गया है. वहीं सामान्य एंटीबायोटिक्स जैसे मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, लोकप्रिय एंटी-डायबिटिक दवाएं जैसे इंसुलिन ग्लार्गिन और टेनेलिग्लिप्टिन एनएलईएम जैसी दवाओं को भी ( NLEM-2022) का हिस्सा बनाया गया है. ताकि आम जन को कोई परेशानी न हो.