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अब कर्मचारियों को सिर्फ 4 दिन जाना होगा ऑफिस, लेबर कोड़ को लेकर राज्यों की सहमति

New Wage Code: अगर आप सरकारी या गैर सरकारी संगठन में काम करते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. खबरों के मुताबिक अब कर्मचारियों को सिर्फ 4 दिन ही ऑफिस (4 days office) जाना होगा. यानि सप्ताह में तीन दिन अवकाश रखने की रूपरेखा तैयार की गई है.

Updated on: 28 Apr 2022, 07:40 PM

नई दिल्ली :

New Wage Code: अगर आप सरकारी या गैर सरकारी संगठन में काम करते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. खबरों के मुताबिक अब कर्मचारियों को सिर्फ 4 दिन ही ऑफिस (4 days office) जाना होगा. यानि सप्ताह में तीन दिन अवकाश रखने की रूपरेखा तैयार की गई है. आपको बता दें कि नए लेबर कोड्स (new labor codes) में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है. इसे हर सप्ताह 4-3 अनुपात में बांटा गया है. यही नहीं कर्मचारियों को हर पांच घंटे में आधे घंटे के ब्रेक देने पर भी सहमति बनी है. केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव (Union Labor Minister Bhupendra Yadav) के मुताबिक 90 फीसदी राज्यों से सहमति ले ली गई है. जल्द ही न्यू लेबर कोड (new labor codes) लागू किया जाएगा. नया लेबर कोड लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह नया कानून दरअसल लेबर सेक्टर में काम करने के बदलते तरीकों और न्यूनतम वेतन (Salary) की आवश्यकता को समायोजित करने के लिए है.

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आपको बता दें कि इनमें असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों समेत स्वरोजगार में लगे लोगों और प्रवासी मजदूरों का भी ख्याल रखा गया है. सरकार के अनुमान के मुताबिक, देश में असंगठित क्षेत्र के करीब 38 करोड़ कामगार हैं. जानकारी के मुताबिक  ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) या असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है. 8 अगस्त, 2019 को वेज कोड, 2019 और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020 और 29 सितंबर 2020 को सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 व ऑक्युपेशनल सेफी, हेल्थ एंड वर्किंग कोड 2020 को नोटिफाई किया. सैलरी होगी कम, पीएफ में बढ़ेगा कंट्रिब्यूशन.

क्या है नया वेज कोड 
नए वेज कोड के मुताबिक अलाउंस को 50 फीसदी फिक्स कर दिया जाएगा. इसका मतलब हुआ कर्मचारी को मिलने वाली कुल सैलरी में आधी बेसिक होगी. बेसिक सैलरी के आधार पर ही प्रोविडेंट फंड का पैसा जमा करना होगा. नए लेबर कोड में सैलरी कम हो सकती है. मगर प्रोविडेंट फंड का दायरा बढ़ जाएगा और कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा पैसा जोड़ना होगा. यही नहीं 5 घंटा काम करने पर आधा घंटा आराम का प्रावधान भी किया गया है. सरकार द्वारा तैयार नए श्रम कानून कोड के ड्राफ्ट में कर्मचारियों के काम करने के घंटे को 9 बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है.