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जानिए NEFT की सुविधा 23 मई को कब से कब तक रहेगी बंद, RBI ने दी जानकारी

RBI का कहना है कि एनईएफटी की सुविधा की क्षमता और प्रदर्शन में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य के लिए उस दिन कुछ देर के लिए एनईएफटी सेवा को बंद रखा जाएगा.

Updated on: 17 May 2021, 01:01 PM

highlights

  • एनईएफटी की सेवा 23 मई 2021 को रात 12 बजकर एक मिनट से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगी
  • क्षमता और प्रदर्शन में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य के लिए एनईएफटी सेवा को बंद रखा जाएगा

नई दिल्ली:

अगर आप 23 मई को ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने की योजना बना रहे हैं तो एक बार यह रिपोर्ट जरूर पढ़ लीजिए. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India-RBI) ने एनईएफटी (NEFT) को लेकर एक सूचना जारी की है. RBI की इस सूचना के मुताबिक एनईएफटी की सेवा 23 मई 2021 को रात 12 बजकर एक मिनट से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगी. आरबीआई (Latest Reserve Bank News) का कहना है कि एनईएफटी की सुविधा की क्षमता और प्रदर्शन में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य के लिए उस दिन कुछ देर के लिए एनईएफटी सेवा को बंद रखा जाएगा.

RTGS और NEFT के लिए अब बैंकों की जरूरत नहीं पड़ेगी

बता दें कि केंद्रीय बैंक आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) में अहम फैसला लिया था. नॉन-बैंक पेमेंट संस्थानों के लिए आरबीआई द्वारा संचालित केंद्रीयकृत पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) की सदस्यता की अनुमति दी गई है. आरबीआई के इस प्रस्ताव से पीपीआई, कार्ड नेटवर्क्‍स, वाइड लेवल एटीएम ऑपरेटर्स जैसे नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित की जाने वाली आरटीजीएस और एनईएफटी की सदस्यता ले सकेंगे. इस प्रवृत्ति को मजबूत करने और भुगतान प्रणालियों में गैर-बैंकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित सीपीएस में सीधे सदस्यता लेने का प्रस्ताव है.

इस सुविधा को बढ़ाने से वित्तीय सिस्टम में सेटलमेंट जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही देश में डिजिटल वित्तीय सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी. हालांकि, ये संस्थाएं इन सीपीएस में अपने लेन-देन के निपटान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक की किसी भी कैश की सुविधा के पात्र नहीं होंगी. दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों और एनबीएफसी को निर्देश दिया है कि वे 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 तक की अधिस्थगन अवधि के दौरान उधारकर्ताओं को दिए गए 'ब्याज पर ब्याज' को वापस करने या समायोजित करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को तुरंत लागू करें. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बड़े कर्जदारों को बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया था कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा घोषित छह महीने की मोहलत के दौरान 2 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण सहित किसी भी ऋण पर कोई दंड या चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाएगा.