Narco Test: नार्को टेस्ट क्या है, जानें इससे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

Narco Test: नार्को टेस्ट एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण है जिसमें व्यक्ति की नींद की अवस्था और उसकी स्वास्थ्यग्रस्तता की जाँच की जाती है.

Narco Test: नार्को टेस्ट एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण है जिसमें व्यक्ति की नींद की अवस्था और उसकी स्वास्थ्यग्रस्तता की जाँच की जाती है.

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Inna Khosla
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Narco Test

Narco Test( Photo Credit : News Nation)

Narco Test: नार्को टेस्ट एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण है जिसमें व्यक्ति की नींद की अवस्था और उसकी स्वास्थ्यग्रस्तता की जाँच की जाती है. यह परीक्षण आमतौर पर व्यक्ति की अस्थिर नींद और निद्रा रोगों को निदान करने के लिए किया जाता है, जैसे कि निद्रालेप्सी, अपनेप्सिया, और अन्य समस्याएं. इस टेस्ट में व्यक्ति की नींद की गहराई, नींद के संश्लेषण की अवधि, और संज्ञान गति को मापा जाता है.  नार्को टेस्ट, जिसे नशीले पदार्थों की पहचान के लिए किया जाता है, एक कानूनी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के शरीर से नशीले पदार्थों की जाँच करती है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि किसी व्यक्ति का नशीले पदार्थों का सेवन करने की आदत नहीं है या उसकी प्रदूषण मुक्त है. नार्को टेस्ट को कानूनी प्रक्रिया के तहत कई संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय, कंपनियों द्वारा रोजगार योग्यता के दौरान, या विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में. इस प्रकार की जाँच को विधिवत और कानूनी ढंग से किया जाता है, और इसका पालन कानूनी मानदंडों के अनुसार होता है.

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नार्को टेस्ट कानून से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

कानूनी प्रक्रिया: नार्को टेस्ट कानूनी प्रक्रिया है जो नशीले पदार्थों की जांच करती है.

गिरफ्तारी के समय कार्य: पुलिस गिरफ्तारी के समय नार्को टेस्ट का अनुरोध कर सकती है.

कंपनी या नियोक्ता की आवश्यकता: कुछ कंपनियां या नियोक्ता रोजगार योग्यता के दौरान नार्को टेस्ट की मांग कर सकते हैं.

परीक्षा के समय: कुछ सरकारी परीक्षाओं में नार्को टेस्ट की जाँच होती है.

नार्कोटिक्स अधिनियम: भारतीय कानूनी प्रणाली में नार्कोटिक्स अधिनियम 1985 नार्को टेस्ट को प्राथमिकता देता है.

कानूनी दिशानिर्देश: नार्को टेस्ट के लिए निर्धारित कानूनी दिशानिर्देश होते हैं जो उसकी कार्यवाही को संरचित करते हैं.

निजी और सार्वजनिक स्थिति: नार्को टेस्ट की जाँच निजी और सार्वजनिक स्थितियों में हो सकती है.

पर्याप्त प्रमाण: नार्को टेस्ट के लिए पर्याप्त प्रमाण होना चाहिए जो उसकी सटीकता को सुनिश्चित करता है.

कानूनी अधिकार: नार्को टेस्ट करने के लिए कानूनी अधिकार केवल विशेष परिस्थितियों में होते हैं.

परीक्षण की स्थिति: नार्को टेस्ट की प्रक्रिया और परीक्षण की स्थिति के बारे में समय-समय पर नवीनीकरण किया जाता है.

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Source : News Nation Bureau

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