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लोकसभा चुनाव

Modi Sarkar Decision: अब सुरक्षित होंगी सीमाएं, बनाए जाएंगे वाइब्रेंट गांव, सहकारी समितियों को मंजूरी

odi Cabinet Decision 2023: देश की मोदी सरकार (Modi government)ने देश की सीमाओं को और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. बुधवार इन सभी योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है.

Updated on: 15 Feb 2023, 05:38 PM

highlights

  • केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश के साथ साझा की जानकारी 
  • योजनाओं को सफल बनानए के लिए आवंटित किये गए 4800 करोड़ रुपये
  • राज्यों के सीमावर्ती गांवों में  आजीविका मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी 

नई दिल्ली :

Modi Cabinet Decision 2023: देश की मोदी सरकार (Modi government)ने देश की सीमाओं को और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. बुधवार इन सभी योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है. देश के साथ जानकारी साझा करते हुए केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur)ने बताया कि राज्यों के सीमावर्ती गांवों को वाइब्रेंट बनाया जाएगा. यही नहीं सहकारी समितियों, डेयरी/मत्स्य सहित अन्य रोजगारों को भी खड़ा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है. उन्होने बताया कि जितने भी गांव सीमा के समीप पड़ रहे हैं. उनमें आजीविका मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार की होगी. 

क्या है  वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि  देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है. जिसके तहत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसें गांवों को विकास से जोड़ा जाएगा. इसके लिए सरकार ने  4800 करोड़ रुपये भी आवंटित किये हैं. यही नहीं उन्होने ये भी भरोसा दिलाया है कि सीमावर्ती गांवों में रोजगार मुहैया कराना सरकार की अहम जिम्मेदारी होगी. ताकि लोग वहां से पलायन न करें. उन्होने बताया देश के कुल  2966 गांवों में सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा...

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हर कीमत पर रोका जायेगा पलायन 
सीमावर्ती गांवों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, लद्दाख राज्य के कुल 19 जिलों को शामिल किया गया है. जिसमें इन जिलों के  2966 गावों को चिंहित किया गया है. जिनमें विकास के लिए नई-नई तकनीक विकसित की जाएंगी. ताकि कोई भी व्यक्ति बोर्डर पर बसे गांवों से पलायन न कर सके. वहीं केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-चीन एलएसी पर तैनात रहने वाली आईटीबीपी के लिए सात नयी बटालियन, 9,400 कर्मियों के साथ एक ऑपरेशनल बेस की स्थापना को मंजूरी दी है.