मोदी सरकार बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumer) को बड़ा तोहफा देने की योजना पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार (Modi Government) अब हर राज्य में चार से पांच कंपनियों को बिजली वितरण लाइसेंस (Electricity Distribution License) देने पर विचार कर रही है. ऐसा होने पर उपभोक्ताओं के पास यह अधिकार होगा कि वे किस कंपनी से बिजली लेना चाहते हैं. उपभोक्ता कभी भी बिजली वितरण कंपनी को बदल भी सकते हैं.
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एक दिन पहले केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने राज्यों के विद्युत एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, रिटेल बिजनेस सरकार का काम नहीं है. सभी राज्यों में केंद्र सरकार तीन से चार छोटी निजी कंपनियों को बिजली वितरण का अधिकार देगी. उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी बदलने का विकल्प भी मिलेगा.
केंद्रीय बिजली मंत्री ने बिजली की अधिक कीमतों पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, कुछ राज्यों में बिजली की दर 8 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि बिजली वितरण कंपनियां इससे काफी कम दाम में उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति कर रही हैं. केंद्र सरकार पूरे देश में एक समान बिजली की दर लागू करने पर भी विचार कर रही है. जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जा सकता है.
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आरके सिंह ने बताया, राज्यों के सरकारी विभागों पर 47 हजार करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया हैं. सरकारी विभाग अपना बिल चुका दें तो बिजली कंपनियों की हालत सुधर जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकरी दफ्तर में जल्द प्रीपेड मीटर लगाए जाएं. जो विभाग जितने रुपये का टैरिफ डालेगा उसे उतनी ही बिजली मिल सकेगी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो