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आपका चालान बचा सकता है मैप माई इंडिया (mapmyindia), जानिए और क्या है खासियत

मैप माइ इंडिया मूव (mapmyindia Move) ऐप में लोगों को लोकेशन ट्रैकिंग के साथ ही रास्ते में ट्रैफिक कैमरे कहां-कहां पर लगे हुए हैं उसकी जानकारी भी मिलती है. साथ ही रास्ते में किन जगहों पर ब्रेकर है इसकी भी जानकारी ऐप के जरिए मिलती है.

Updated on: 22 Feb 2021, 01:16 PM

highlights

  • मैप माइ इंडिया मूव ऐप में गूगल मैप की ही तरह आपको सभी जरूरी सेवाओं जैसे रेस्टोरेंट, पब्स-बार, एटीएम, फार्मेसी उपलब्ध
  • कोरोना वायरस से जुड़ी सुविधाओं मसलन टीकाकरण सेंटर, कोरोना के इलाज का सेंटर, टेस्टिंग लैब आदि की जानकारी उपलब्ध

नई दिल्ली:

अगर आप मैप माइ इंडिया मूव (mapmyindia Move) ऐप का उपयोग करते हैं तो आप गाड़ी का चालान कटने से बच सकते हैं. दरअसल, मैप माइ इंडिया मूव ऐप में लोगों को लोकेशन ट्रैकिंग के साथ ही रास्ते में ट्रैफिक कैमरे कहां-कहां पर लगे हुए हैं उसकी जानकारी भी मिलती है. साथ ही रास्ते में किन जगहों पर ब्रेकर है इसकी भी जानकारी ऐप के जरिए मिलती है. इस ऐप में गूगल मैप की ही तरह आपको सभी जरूरी सेवाओं जैसे रेस्टोरेंट, पब्स-बार, एटीएम, फार्मेसी, पार्किंग, ट्रांसपोर्ट, पेट्रोल पंप, इंटरटेनमेंट, होटल्स, शॉपिंग सेंटर, किराना, अस्पताल, पुलिस, पोस्ट ऑफिस, बैंक, टॉयलेट और सीएनजी स्टेशन की जानकारी मिलती है. यही नहीं ऐप ने अभी कोविड को लेकर भी एक सुविधा दिया है, जिसके तहत कोरोना के ताजा आंकड़े आदि की जानकारी दी गई है.

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मैप माइ इंडिया मूव ऐप पर अगर आपको कोरोना वायरस से जुड़ी सुविधाओं मसलन टीकाकरण सेंटर, कोरोना के इलाज का सेंटर, टेस्टिंग लैब, आइसोलेशन वार्ड, सैंपल कलेक्शन, शेल्टर होम आदि की भी जानकारी दी गई है. यूजर इस ऐप पर सुरक्षा से जुड़ी विषयों के बारे में लिख सकता है. इस ऐप पर स्पीड ब्रेकर कहां-कहां है इसकी जानकारी भी दी रहती है. साथ ही किन इलाकों में ट्रैफिक लगा हुआ है इसकी जानकारी भी इस ऐप के जरिए मिलती है. 

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बता दें कि पिछले दिनों गूगल मैप्स से मुकाबला करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और डिजिटल मैपिंग और स्थान-आधारित डीप-टेक कंपनी मैपमाईइंडिया ने पूरी तरह से स्वदेशी, मैपिंग पोर्टल और भू-स्थानिक सेवाओं की पेशकश के लिए एक नई पहल का ऐलान किया था. ये सेवाएं मैपमाईइंडिया के डिजिटल मैप्स की क्षमता और इसरो का सैटेलाइट इमेजरी कैटलॉग व अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा प्रौद्योगिकियों का संयोजन होंगी. कंपनी ने कहा कि इसरो के साथ संयुक्त साझेदारी के माध्यम से मैपमाईइंडिया के यूजर्स मैप्स, एप्लिकेशन और सेवाएं विदेशी मैप ऐप्स और समाधानों की तुलना में बहुत बेहतर, अधिक विस्तृत और व्यापक होंगी. साथ ही गोपनीयता-केंद्रित, अति स्थानीय और भारतीयों के लिए स्वदेशी मानचित्रण समाधान भी होंगी.

50 साल के इतिहास में पहली बार सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोला
गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने 50 साल के इतिहास में पहली बार अपने सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोला है. ऐसा पहली बार होगा जब  प्राइवेट कंपनी या कॉलेज के लोग बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) में अपनी सैटेलाइट की जांच करेंगे. इसरो ने फिलहाल सिर्फ दो सैटेलाइट के लिए के लिए अनुमति दी है. इनमें से एक निजी कंपनी की है, दूसरी स्टूडेंट्स की. (इनपुट आईएएनएस)