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दिल्ली में यस बैंक के बाहर रोते-बिलखते लोगों ने सरकार से लगाई गुहार, ATM में कैश हुआ खत्म

Updated on: 06 Mar 2020, 05:43 PM

highlights

  • दिल्ली में यस बैंक के विभिन्न एटीम के बाहर ग्राहकों की लगी लंबी-लंबी लाइनें.
  • जल्द ही सभी एटीएम में पैसे खत्म होने के बाद लोगों को हुई जबर्दस्त निराशा.
  • एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये तक की निकासी एटीएम से संभव.

नई दिल्ली:

दिल्ली में यस बैंक (Yes Bank) के विभिन्न एटीम (ATM) के बाहर ग्राहकों में शुक्रवार को अफरा-तफरी दिखी. हर व्यक्ति अपने खाते से तुरंत पैसे निकाल लेने की जल्दी में था. दिल्ली (Delhi) में यस बैंक के कई एटीएम में कैश खत्म हो रहा है. फिलहाल यस बैंक के ग्राहक (Customers) एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये तक की निकासी एटीएम से कर सकते हैं. बैंक द्वारा पैसे निकालने की यह सीमा तय करने के बाद अब पूरी दिल्ली में यस बैंक के एटीएम के बाहर कतारें (Queue) लगी हुई हैं. एचसी सेन मार्ग स्थित यस बैंक के एटीएम (ATM) पर सुबह से ही लोगों की लाइन लगी रही. हालांकि यहां जल्द ही एटीएम में पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद लोगों को निराश होना पड़ा.

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सेलरी अकाउंट वालों का सारी बचत भी बैंक में
पैसे निकालने आए मनदीप चावला ने कहा, 'हर महीने मुझे घर और गाड़ी की ईएमआई चुकानी होती है. इसके अलावा दो बच्चों की स्कूल फीस, घर का खर्च सभी कुछ मेरे सैलरी अकाउंट से होता है, लेकिन अब 50 हजार रुपये की सीमा तय कर दी गई है. ऐसे में मुझे समझ नहीं आ रहा कि बच्चों की स्कूल फीस भरूं या फिर होम लोन की किस्त.' मनदीप ने बताया कि सैलरी अकाउंट होने के कारण उनकी सारी सेविंग भी यस बैंक में ही है और ऐसे में बाकी के खर्चों के लिए वह कहीं और से भी पैसा नहीं निकाल सकते.

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एटीएम की लाइन में लगी महिलाएं रो पड़ीं
कुछ ऐसी ही हालत दरियागंज के एक अन्य एटीएम पर दिखाई पड़ी. यहां एटीएम की लाइन में खड़ी कई महिलाएं इस स्थिति पर फूट-फूट कर रोने लगीं. स्थानीय निवासी रुखसार ने कहा, 'यस बैंक सेविंग अकाउंट में ज्यादा इंटरेस्ट देने का विज्ञापन दिखाया करता था. उसी विज्ञापन को देखकर मैंने इस बैंक में खाता खुलवाया और अपनी जीवन भर की जमापूंजी यहां जमा करवा दी. मेरी दो बेटियां और एक बेटा है. तीनों ही बच्चों की शादी करनी है. उनकी पढ़ाई-लिखाई सबकुछ अभी बाकी है. हमें कुछ समझ नहीं आ रहा. सरकार से हमारी गुजारिश है कि बैंक में फंसे हमारे पैसे वापस दिलाए जाएं.'

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बीमारी-हारी तक के लिए पैसों की कमी
एटीएम की लाइन में लगे सरदार मोहर सिंह का भी यही हाल था. मोहर सिंह ने कहा, 'ज्यादा ब्याज के चक्कर में मैंने अपनी सारी जमापूंजी यस बैंक में रखवा दी. अब ब्याज तो दूर मेरी खुद के लाखों रुपये बैंक में फंस गए हैं. बुढ़ापे में मेरी इस जमापूंजी के अलावा मेरा कोई सहारा नहीं है. अभी 20 दिन पहले मेरी पत्नी की कूल्हे की हड्डी टूटी है. उनका एक ऑपरेशन हो चुका है और एक अभी होना है. मुझे ऑपरेशन और बाकी खर्चों के लिए पैसों की तुरंत और सख्त जरूरत है. सरकार को हम जैसे जरूरतमंदों के लिए तुरंत कुछ करना चाहिए.'