पुरुषों पर अत्याचार के क्या हैं कानून? यहां जानें...

भारत में पुरुषों पर अत्याचार के खिलाफ कई कानूनी प्रावधान हैं, जो उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं. ये कानूनी प्रावधान उनकी रक्षा और समर्थन के लिए होते हैं. यहां कुछ मुख्य कानूनी दिशाएं हैं.

भारत में पुरुषों पर अत्याचार के खिलाफ कई कानूनी प्रावधान हैं, जो उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं. ये कानूनी प्रावधान उनकी रक्षा और समर्थन के लिए होते हैं. यहां कुछ मुख्य कानूनी दिशाएं हैं.

author-image
Sourabh Dubey
New Update
domestic_violence

domestic_violence( Photo Credit : social media)

एक महिला को घर के भीतर होने वाली हिंसा से बचाने के लिए कई कानून हैं, मगर क्या हो अगर पीड़ित कोई महिला नहीं, बल्कि पुरुष हो.. दरअसल हाल ही में इससे जुड़ा एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि, बीते साल 2023 में 15,720 पुरुषों की बड़ी संख्या में अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ, हेल्पलाइन से मदद मांगी है. ऐसे में यहां विचार किया जाना लाजमी है कि, क्या हो अगर पुरुषों पर सितम किया जा रहा हो? 

Advertisment

दरअसल भारत में पुरुषों पर अत्याचार के खिलाफ कई कानूनी प्रावधान हैं, जो उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं. ये कानूनी प्रावधान उनकी रक्षा और समर्थन के लिए होते हैं. यहां कुछ मुख्य कानूनी दिशाएं हैं, जो पुरुषों को अत्याचार से बचाने में मदद करती हैं:

पुरुषों पर अत्याचार के क्या हैं कानून 

आर्थिक अत्याचार (IPC धारा 498A):

यह धारा विशेष रूप से पतियों या उनके परिवारजनों द्वारा की जाने वाली आर्थिक अत्याचार के खिलाफ है. इसमें आरोपित व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है और सजा हो सकती है.

धारा 354 (ब) - सेक्सुअल हैरेसमेंट:

यह धारा व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ है. इसमें आरोपित व्यक्ति को दण्डित किया जा सकता है.

धारा 377 - गैर प्राकृतिक शौकिनता:

इस धारा के तहत, गैर प्राकृतिक शौकिनता को गलत और आपत्तिजनक माना जाता है और इसमें सजा हो सकती है.

परिवारिक हिंसा (प्रतिबंध) अधिनियम, 2005:

इस अधिनियम के तहत, परिवारिक हिंसा की आपत्तिजनक क्रियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें पुरुषों को भी समाहित किया गया है.

सेक्शन 66A - साइबर अत्याचार:

यह सेक्शन ऑनलाइन स्पेस में किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ है, जिसमें पुरुषों को भी सुरक्षा मिलती है.

पुरुष आपत्कालीन भरोसा द्वारा सुरक्षा अधिनियम, 2008:

यह अधिनियम पुरुषों को उन्की सुरक्षा के लिए एक आपत्कालीन आदेश प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है.

ये कानूनी धाराएँ पुरुषों को अत्याचार से बचाने में मदद करने के लिए हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग इनका सही तरीके से उपयोग करें और झूठे आरोपों से बचें.

Source : News Nation Bureau

wife beat husband statistics Domestic violence domestic violence act 2005
      
Advertisment