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Fastag : अब फास्टैग से भी अगली चीज, नहीं कराया यह काम तो भरनी होगी पेनाल्टी

KYC of Fastag is Mandatory: एनएचएआई के अनुसार 31 जनवरी 2024 के बाद बकाया धनराशि के साथ अधूरे केवाईसी वाले फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. ऐसे वाहनों के लिए टोल पहुंचने पर पेनाल्टी भरनी होगी

Updated on: 16 Jan 2024, 05:44 AM

New Delhi:

KYC of Fastag is Mandatory: अगर आप वाहन स्वामी हैं और आपकी गाड़ी राजमार्गों पर फर्राटा भरती है तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, आपकी गाड़ी पर भले ही फास्टैग का लेबल चिपका हो, बावजूद इसके आपको अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है. अब आप सोच रहे होंगे की फास्टैग लगाने और टोल टैक्स देने के बाद अब ऐसा क्या है, जो आपको जुर्माना भरने पर मजबूर कर सकता है. असल में एनएचएआई ने एक वाहन एक फास्टैग नामक पहला का शुभारंभ किया है. एनएचएआई की पहला का उदेश्य सिंगल फास्टैग यूज और एक विशेष वाहन के लिए कई फास्टैग से जोड़ने से रोकना है. यही वजह है कि एनएचएआई ने फास्टैग का निर्धारित समय से पहले केवाईसी करना अनिवार्य कर दिया है. 

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अधूरे केवाईसी वाले फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा

एनएचएआई के अनुसार 31 जनवरी 2024 के बाद बकाया धनराशि के साथ अधूरे केवाईसी वाले फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. ऐसे वाहनों के लिए टोल पहुंचने पर पेनाल्टी भरनी होगी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार केवाईसी कराने के दायरे में पुराने फास्टैग आएंगे. क्योंकि ऐसी समस्या पुराने फास्टैग के साथ ही आ रही है. फास्टैग केवाईसी कराने के लिए फास्टैग होल्डर्स को अपने बैंकर के पास जाकर केवाईसी अपडेशन का काम कराना होगा. अगर किसी फास्टैग होल्डर ने पेटीएम से फास्टैग लिया है तो उसको पेटीएम में जाकर फास्टैग कराना होगा. जबकि बैंक से लेकर आपको वहीं जाकर यह काम कराना होगा. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कुछ वाहन चालक इस व्यवस्था का गलत फायदा उठा रहे हैं. 

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छोटी गाड़ियों के फास्टैग पर कमर्शियल वाहन चला रहे हैं लोग

ऐसे वाहन स्वामी छोटी गाड़ियों के फास्टैग पर कमर्शियल वाहन चला रहे हैं.  उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर छोटी गाड़ी का टोल टैक्स 100 रुपए लगता है तो कमर्शिय़ल गाड़ी का टैक्स 500 रुपए लगता है. अगर कमर्शियल गाड़ी पर छोटी गाड़ी का फास्टैग दर्ज है तो वह कमर्शियल वाहन को भी छोटी गाड़ी की तरह ही रीड करेगा.  इस तरह से एनएचएआई की भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़  रहा है.