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वन नेशन वन राशन कार्ड में मौजूदा राशन कार्ड ही देशभर में मान्य होगा( Photo Credit : File Photo)
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केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड' लागू होने पर कोई नया राशन कार्ड जारी नहीं किया जाएगा, बल्कि लाभार्थी मौजूदा राशन कार्ड पर ही देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ उठा पाएंगे.
वन नेशन वन राशन कार्ड में मौजूदा राशन कार्ड ही देशभर में मान्य होगा( Photo Credit : File Photo)
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card)' लागू होने पर कोई नया राशन कार्ड (Ration Card) जारी नहीं किया जाएगा, बल्कि लाभार्थी मौजूदा राशन कार्ड पर ही देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ उठा पाएंगे. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने शुक्रवार को 'वन नेशन वन राशन कार्ड' की प्रगति और मीडिया रिपोर्ट की समीक्षा की. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारें 'वन नेशन वन राशन कार्ड' के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को नया राशन कार्ड जारी करेंगी.
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मंत्रालय ने रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा, "लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बायोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अधीन खाद्य सुरक्षा का लाभ ले सकते हैं."
मंत्रालय ने कहा कि लाभार्थी बिना कोई अतिरिक्त लागत या कागजी कार्रवाई के पोर्टेबिलिटी का लाभ प्राप्त कर सकेंगे और उनको अपने गृह राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में जारी मौजूदा राशन कार्ड वापस करने और प्रवास के राज्य में नए राशन कार्ड के लिए आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं है.
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मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्तमान में राज्य के भीतर पोर्टेबिलिटी आंध्रप्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, गुजरात, झारखंड, और पंजाब समेत 12 राज्यों में चालू है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में आंशिक रूप से इसे इस्तेमाल में लाया गया है. वहीं, अंतर्राज्यीय पोर्टेबिलिटी आठ राज्यों में शुरू हो चुकी है जिनमें आंध प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और केरल शामिल हैं.
Source : आईएएनएस