केंद्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद कई शहरों, स्टेशनों और इलाकों के नाम बदल दिए गए हैं. यह सिलसिला जारी है. अब उत्तर प्रदेश के अलीगढ शहर का नाम बदलने की पहल की गई है. बुधवार को अलीगढ़ नगर निगम बोर्ड में अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पास हो गया. यानि कुछ समय बाद अलीगढ़ को हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा. ऐसे में सवाल है कि अगर किसी शहर का नाम बदला जाता है तो क्या उस शहर में रहने वाले लोगों के दस्तावेजों में भी बदलाव किए जाते हैं? अगर आप इसके लेकर परेशान है तो चलिए आज जानते हैं कि क्या शहर का नाम बदलने पर क्या होता है?
दस्तावेजों में होते हैं बदलाव?
आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड में क्या बदलाव होंगे? तो हम आपको बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ में कोई बदलाव नहीं होगा. यानी आपके पास जो भी दस्तावेज हैं उनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
ऐस मे क्या होगा बदलाव?
अगर मान लीजिए आप अलीगढ़ के निवासी हैं तो आपके पास पुराने दस्तावेज हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. हां, लेकिन शहरों के नाम बदल दिए गए हैं तो उसके बाद जो भी नए दस्तावेज आएंगे. उसमें आपके शहर का नाम बदल जाएगा. जो भी दस्तावेज होगा उसमें हरिगढ़ का नाम होगा.
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स्टेशनों के नाम बदलते हैं तो क्या दिक्कत होता है?
जैसे ही स्टेशनों के नाम बदले जाते हैं, पुराने नाम वाले बोर्ड स्टेशन से हटा दिए जाते हैं. इसके साथ ही जब भी आप टिकट बुक करते हैं तो उसमें आपको एक नया नाम मिलता है. उदाहरण के लिए, यदि आप मुगलसराय के दिन दयाल उपाध्याय स्टेशन से टिकट लेते हैं, तो आपको उस दिन दयाल उपाध्याय स्टेशन लिखा हुआ मिलेगा.
शहरों के नाम बदलने के पीछे मुख्य कारण क्या है?
केंद्र में बीजेपी के आने के बाद से 25 छोटे-बड़े शहरों के नाम में बदलाव किया गया है. इनमें सबसे बड़े नाम हैं इलाहाबाद और फैजाबाद, जो अब प्रयागराज और अयोध्या बन गये हैं. इसके अलावा कई स्टेशनों के नाम में बदलाव किया गया है. नाम बदलने के पीछे केंद्र सरकार अहम वजह बताती है कि किसी भी शहर का नाम नहीं बदला जाता, सिर्फ उनके पुराने नाम ही दोबारा अपडेट किए जाते हैं.
Source : News Nation Bureau