'कैश एंड कैरी' के नाम पर ग्राहकों को लूट रही हैं गैस कंपनियां, जानिए पूरी सच्चाई
यह नियम CNC यानि कि 'कैश एंड कैरी' के अंतर्गत आता है इसके मुताबिक आप जिस सिलेंडर की कीमत अदा करते हैं उसपर डिलीवरी चार्ज सहित उसका दाम लिखा होता है.
नई दिल्ली:
छोटे शहरों में एलपीजी गैस एजेंसियां (LPG Gas Agency) ग्राहकों से जमकर लूट कर रही हैं और मजे की बात तो ये है कि ग्राहकों को इस बात की खबर भी नहीं लग है. ये लूट का खेल गैस कंपनियां CNC यानि कि 'कैश एंड कैरी' के नाम पर कर रही हैं. आपको बता दें कि गैस डीलर्स (Gas Dealer) की ओर से की जा रही इस ठगी की जानकारी फ्यूल कंपनियोंके अधिकारियों को भी है लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी इसे रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.
ये शत-प्रतिशत सच है अगर आप नहीं जानते हैं तो सच्चाई सुनकर हैरान रह जाएंगे. आपको बता दें कि जब आप गैस की बुकिंग करवाने के बाद खुद सिलिंडर लेने के लिए गोदाम पर जाते हैं तो एजेंसी की ओर से आप को 27.60 रुपये दिए जाने चाहिए. यह नियम CNC यानि कि 'कैश एंड कैरी' के अंतर्गत आता है इसके मुताबिक आप जिस सिलेंडर की कीमत अदा करते हैं उसपर डिलीवरी चार्ज सहित उसका दाम लिखा होता है. ऐसे में अगर उपभोक्ता खुद एजेंसी से गैस लेने जाता है तो फिर CNC यानि कि 'कैश एंड कैरी' के मुताबिक उस ग्राहक को 27.60 रुपये लौटाए जाने चाहिए.
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'कैश एंड कैरी' के नाम पर हो रही जमकर लूट
वास्तव में कोई गैस एजेंसी ऐसा नहीं कर रही है. गैस कंपनियां CNC यानि कि 'कैश एंड कैरी' में जमकर लूट का खेल कर रही हैं. इसकी वजह है कि लोगों में जानकारी का अभाव है. इसका भरपूर फायदा गैस एजेंसी संचालक उठा रहे हैं. यूपी के प्रतापगढ़ जिले में शहर से लेकर अंचल इलाकों तक में इंडियन ऑयल के 52, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम के चार रसोई गैस की एजेंसियां हैं. यानि कुल 56 गैस की एजेंसियां हैं. इसके तहत करीब डेढ़ लाख उपभोक्ता भी हैं. नियम यह है कि अगर उपभोक्ता ने गैस की बुकिंग करवाई और उसे खुद लेने गोदाम पर जा रहा है तो उसको एजेंसी की ओर से 'कैश ऑन कैरी' के नाम पर उपभोक्ता को 27.60 रुपये दिए जाएंगे.
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ग्रामीण इलाकों में जानकारी के अभाव का उठाते हैं फायदा
लेकिन ग्रामीण को इस बात की जानकारी का अभाव है जिसके बदल में गैस संचालक इस बात का जमकर फायदा उठा रहे हैं. इसी में एजेंसी संचालक हर माह लंबा खेल कर रहे हैं. गोदाम से सिलेंडर घर पहुंचाने वाले हॉकर को बुकिंग रसीद में दर्ज कीमत से अधिक नहीं देना होता है. सिलेंडर की जितनी कीमत रसीद में लिखी होती है, उसमें हॉकर का कमीशन भी शामिल रहता है.
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