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Indian Railways: ट्रेन में ये सामान लेकर यात्रा करना पड़ेगा भारी, खानी पड़ सकती है जेल की हवा

Diwali Special: अगर आप भी ट्रेन से पटाखे ले जाने के लिए शॅापिंग में लगे हैं तो रुक जाइये. क्योंकि त्योहारी सीजन के लिए रेलवे ने गाइडलाइ जारी कर दी है. किसी भी सूरत में ट्रेन में पटाखे लेकर सफर करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.

Updated on: 10 Oct 2022, 05:23 PM

highlights

  • त्योहारी सीजन के चलते रेलवे ने की गाइडलाइन जारी 
  • पटाखों सहित कई अन्य सामान ले जाने पर रेलवे ने लगाई रोक 

नई दिल्ली :

Diwali Special: अगर आप भी ट्रेन से पटाखे ले जाने के लिए शॅापिंग में लगे हैं तो रुक जाइये. क्योंकि त्योहारी सीजन के लिए रेलवे ने गाइडलाइ जारी कर दी है. किसी भी सूरत में ट्रेन में पटाखे लेकर सफर करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. यही नहीं ऐसा करते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ जेल भेजने का प्रावधान है. IRCTC के मुताबिक रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 67 के मुताबिक ट्रेन में खतरनाक और अप्रिय सामान लेकर चलना मना है और यह चीज रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 164 और 165 के अनुसार दंडनीय है. रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ को नियमों का उलंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किये हैं.

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दरअसल, दिवाली के मौके पर अक्सर ट्रेनों में रस होने लगता है. वहीं कुछ यात्री अपने घर जाने के लिए पटाखे सहित कई ज्वलनशील पदार्थ भी साथ लेकर चलते हैं. यही नहीं कुछ पटाखा व्यापारी भी बड़े शहरों से छोटे शहरों में बिक्री के लिए पटाखे लेकर जाते हैं. जिससे बड़ा हादसा होने की पूरी संभावना है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए IRCTC ने यात्रा के नियमों में सख्ती से पेश आने के लिए निर्देश जारी किए हैं. रेलवे ने कुछ सिक्योरिटी हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखे हैं. अगर किसी व्यक्ति को रेल सफर में कोई यात्री पटाखे या इस तरह के अन्य सामान के साथ दिखता है, तो वे इस बारे में रेलवे को इन नंबरों पर कॉल कर सूचित कर सकते हैं.(011-23303982, 011-23303983 और 011-23303748)

यात्रियों के बीच जागरूकता फैलाने के तहत रेलवे यह भी साफ बताता है कि पटाखों के अलावा 'गैस सिलेंडर, एसिड, पेट्रोल, केरोसीन, ड्राय ग्रास/लीव्स, थर्मिक वेल्डिंग, सिगरी और स्टोव आदि लेकर यात्रा करना मना है.ये सब सामान लेकर अगर कोई पकड़ा जाता है, तब उसे रेलवे एक्ट के सेक्शन 164 के तहत तीन साल की कैद की सजा या फिर 1000 रुपए का जुर्माना या फिर दोनों ही चीजों का सजा के रूप में सामना करना पड़ सकता है, जबकि सेक्शन 165 के तहत 500 रुपए का जुर्माना चुकाना पड़ता है'.