Indian Railways: अब रेल दुर्घटनाओं पर लग जाएगी लगाम, ये डिवाइस करेगी अलर्ट

Indian Railways: रेल यात्रियों को अब सर्दियों के मौसम (winter season)में पटरी चटकने की चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब रेल की पटरियों पर ऐसी डिवाइस फिट की जाएगी, जो पहले स्टेशन अधिक्षक को अलर्ट कर देगी.

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Sunder Singh
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सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

Indian Railways: रेल यात्रियों को अब सर्दियों के मौसम (winter season)में पटरी चटकने की चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब रेल की पटरियों पर ऐसी डिवाइस फिट की जाएगी, जो पहले स्टेशन अधिक्षक को अलर्ट कर देगी. जी हां गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित सी.ई.एल के इंजीनियर्स ने इस डिवाइस को तैयार किया है. जिससे सर्दियों में होने वाले रेल हादसों (train accidents) पर लगाम लग जाएगी. ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम (Broken Rail Detection System)को पहले कुछ पटरियों पर लगाया जा रहा है, ट्रायल सफल होने पर देश की सभी ट्रेनों में ये डिवाइस फिट कर दी जीएगी. जानकारी के मुताबिक हर आधा किमी की दूरी पर पटरियों में ये डिवाइस को फिट किया जाएगा.

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प्रति 500 मीटर पर लगाएंगे डिवाइस 
दरअसल, सर्दियों में अक्सर रेल दुर्घटनाओं में इजाफा हो जाता है. उसका सीधा सा कारण रेल की पटरियां ठंड के चलते चटक जाना है. रेल पटरियां चटकने की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक ट्रेन निकलने से पहले पहुंच जाए. उसके लिए ब्रोकन डिटेक्शन सिस्टम पटरियों पर लगाने  की प्लानिंग रेलवे ने की है. जानकारी के मुताबिक ये ब्रोकन सिस्टम पटरी टूटी होने की जानकारी ट्रेन निकलने से पहले ही संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा देगा. ताकि होने वाले हादसे को रोका जा सके. जानराकी के मुताबिक फिलहाल प्रति 500 मीटर पर ये सिस्टम लगाया जाएगा. ताकि टूटी पटरी की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंच सके.

 ब्रोकन डिटेक्शन सिस्टम ऐसे करता है काम 
एक्सपर्ट इंजीनियर्स के मुताबिक  आधा किमी की दूरी पर आने और जाने वाली दोनो साइटों पर सिस्टम फिट किया जाएगा. यानि 4 ट्रांसमीटर और रिसिवर लगाए जाएंगे. साथ ही आने-जाने वाली पटरियों के मध्य में लोकेशन बूथ लगाया जाएगा. यह लो वोल्टेज ऑ़डियो हाई फ्रिकवेंसी पर काम करेगा. जिसका पटरी चटकने पर सिग्नल बदल जाएगा. लोकेशन बॅाक्स में तीन डिफरेंट कलर की लाइट लगाई जाएंगी. जिससे ट्रेस हो सकेगा की पटरी ठीक है अथवा टूटी है.

टूटी पटरी का देंगी संकेत 
जानकारी के मुताबिक यदि पटरी पूरी तरह ठीक है तो हरे रंग की लाइट जलती रहेगी. साथ ही पटरी टकने पर पीले  रंग की लाइट जलेगी, जबकि टूटने पर लाल रंग की लाइज जल जाएगी. जिससे पटरी टूटने वाले स्थान को खोजना रेलवे के लिए आसान हो जाएगा. यही नहीं लाइट की जानकारी का मैसेज संबंधित अधिकारी के पास एसएमएस के माध्यम से पहुंच जाएगा. इसके बाद रेल गुजरने से पहले ही टूटी पटरी की मरम्मत हो सकेगी.

HIGHLIGHTS

  • सर्दियों के मौसम में अक्सर चटक जाती हैं रेल की पटरियां 
  • पटरियां चटकने से होती रेल दुर्घटनाएं, चली जाती हैं यात्रियों की जान
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