इंडियन रेलवे (Indian Railway): तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) देश की पहली प्राइवेट ट्रेन (Private Train) हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय रेलवे ने इस ट्रेन को प्राइवेट कंपनियों को देने का फैसला कर लिया है. बता दें कि IRCTC को अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल तेजस एक्सप्रेस और दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सौंपे जाने की संभावना है. गौरतलब है कि तेजस एक्सप्रेस में लगने वाला किराया मांग के आधार पर तय होगा. तेजस एक्सप्रेस को शुरू करने की घोषणा वर्ष 2016 में हुई थी.
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3 साल के लिए चलाने के लिए मिलेगी जिम्मेदारी
पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन 2 ट्रेनों को 3 साल की अवधि के लिए रेलवे की पर्यटन एवं खानपान शाखा (IRCTC) को सौंपा जाएगा. रेलवे बोर्ड (Railway Board) के ब्लूप्रिंट के मुताबिक इन ट्रेनों में कोई भी छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा तेजस की जिम्मेदारी IRCTC को मिलने के बाद इन ट्रेनों में टिकट चेंकिंग का जिम्मा रेलवे स्टाफ के पास नहीं रहेगा. इसके अलावा इन ट्रेनों का नंबर भी अलग तरह रखा जाएगा. इन ट्रेनों का परिचालन रेलवे स्टाफ-लोको, पायलट, गार्ड और स्टेशन मास्टर द्वारा किया जाएगा.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाएं शताब्दी एक्सप्रेस जैसी मिलेंगी. बता दें कि तेजस एक्सप्रेस में हवाई जहाज की तरह LCD स्क्रीन लगी हुई है. इसके अलावा प्रत्येक सीट पर अटेंडेंट को बुलाने के लिए बटन की सुविधा भी दी गई है. दोनों ट्रेनों में LED लाइट लगाई गई है. सिगरेट पीने वालों के लिए यह ट्रेन बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि दोनों ट्रेन में ऑटो डिटेक्टर लगाए गए हैं. CCTV, चार्जिंग फैसिलिटी और USB केबल जैसी सुविधाएं इन ट्रेनों को खास बनाते हैं.