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सरकार कैसा इंसाफः अमीरों को एयरलिफ्ट और गरीब श्रमिकों से किराया वसूली

किराया वसूलने के बयान पर रेलवे की तीखी आलोचना हो रही है. रेलवे ने कहा कि स्थानीय राज्य सरकार प्राधिकार टिकट का किराया एकत्र कर पूरी राशि रेलवे को देकर यात्रा टिकट यात्रियों को सौंपेंगी.

Updated on: 04 May 2020, 09:14 AM

highlights

  • श्रमिकों से रेल किराया वसूलने पर रेलवे की हो रही आलोचना.
  • उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी से पूछे सवाल.
  • तय शर्तों में एक का भी उल्लंघन करा सकता है ट्रेन रद्द.

नई दिल्ली:

भारतीय रेलवे (Indian rail) ने देशभर में फंसे हुए लोगों को ले जाने के लिए विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये है. रेलवे ने कहा है कि क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां (Shramik Specials) चलाई जानी चाहिए और राज्यों को टिकट का किराया लेना चाहिए. किराया वसूलने के बयान पर रेलवे की तीखी आलोचना हो रही है. रेलवे ने कहा कि स्थानीय राज्य सरकार प्राधिकार टिकट का किराया एकत्र कर पूरी राशि रेलवे को देकर यात्रा टिकट यात्रियों को सौंपेंगी. इस निर्देश की प्रमुख विपक्षी नेताओं की ओर से सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. खासकर आलोचक यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि विदेशों में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए स्पेशल फ्लाइट्स भेजी जा सकती है, लेकिन मजबूर श्रमिकों से किराया वसूला जा रहा है.

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विपक्ष के निशाने पर आए पीएम मोदी
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'यदि आप कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे हुए हैं तो यह सरकार आपको विमान से निशुल्क वापस लायेगी लेकिन यदि आप एक प्रवासी श्रमिक हैं और किसी अन्य राज्य में फंसे हैं तो आप यात्रा का किराया (सामाजिक दूरी की कीमत के साथ) चुकाने के लिए तैयार रहें. 'पीएम केयर्स' कहां गया?' रेलवे ने दिशा-निर्देशों में कहा कि फंसे हुए लोगों को भोजन, सुरक्षा, स्वास्थ्य की जांच और टिकट उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उस राज्य की होगी जहां से ट्रेन चल रही है. उसने हालांकि उन यात्रियों के एक समय के भोजन की जिम्मेदारी ली है जिनकी यात्रा 12 घंटे या इससे अधिक समय की होगी.

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रेलवे ने झाड़ा पल्ला
किराए के संबंध में रेलवे ने कुछ भी बोलने से इनकार किया और कहा कि यह राज्य का मामला है. सूत्रों ने बताया कि झारखंड में अब तक दो ट्रेनें पहुंची हैं और उसने पूरा भुगतान किया है. राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्य भी भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र प्रवासियों को किराए का कुछ हिस्सा देने के लिए कह रही है. रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन में स्लीपर श्रेणी के टिकट का किराया, 30 रुपए सुपर फास्ट शुल्क और 20 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगा रही है. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यों पर भार डालने के लिए केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों की जो स्थिति हुई है, वह केन्द्र द्वारा लॉकडाउन की अचानक घोषणा करने के कारण हुई है.

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श्रमिक स्पेशल हो सकती है रद्द भी
दिशा-निर्देशों में कहा गया कि संबंधित राज्य यात्रियों के समूह को लेकर तदनुसार योजना तैयार करेगा. ट्रेन के लिए क्षमता के 90 प्रतिशत से कम मांग नहीं होनी चाहिए. रेलवे निर्दिष्ट गंतव्यों के लिए संबंधित राज्य द्वारा बताई गई यात्रियों की संख्या के हिसाब से टिकट प्रकाशित करेगा और इन्हें स्थानीय राज्य प्राधिकार को सौंप देगा. जहां से ट्रेन चलेगी, संबंधित राज्य सरकार उस स्थान पर यात्रियों को भोजन के पैकेट और पेयजल उपलब्ध कराएगी. सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी चरण में सुरक्षा, संरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटाकॉल का उल्लंघन होता है तो रेलवे को श्रमिक स्पेशल ट्रेन को रद्द करने का अधिकार है. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे राज्यों को प्रदान की गई सेवाओं के लिए शुल्क ले रहा है.