Indian Railway : ट्रेनों की टाइमिंग में होगा सुधार और ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार!
डीडीयू जंक्शन के ईस्ट रिसिविंग केबिन पर 62 रूट की क्षमता वाले नए पैनल इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना के साथ ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भारतीय रेलवे के मौजूदा ट्रैक नेटवर्क के साथ कनेक्टिविटी मिल गई है.
नई दिल्ली:
Indian Railway : इंडियन रेलवे यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ माल ढुलाई के प्रति भी काफी गंभीर है. इसके लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इसी क्रम में भारतीय रेलवे ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर भी काफी तेजी से कार्य कर रहा है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर स्टाट होते ही इस ट्रैक पर तेजी से माल गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा और कम समय में इस कॉरिडोर से गुजरने वाली माल गाड़ियां अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचेंगी.
अगर माल गाड़ियां सामान्य रेलवे ट्रैक से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रैक पर शिफ्ट हो जाती हैं तो इससे यात्री ट्रेन के परिचालन में काफी आसानी होगी और ट्रेनों को तेज गति के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से चलाया जा सकेगा. यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ ही समय में डीएफसीसी ट्रैक पर शिफ्ट हो जाने के बाद यात्री ट्रेनों की भी संख्या बढ़ाई जा सकती है.
भारतीय रेलवे के मौजूदा रेलवे ट्रैक नेटवर्क और नवनिर्मित ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बीच माल गाड़ियों के आने-जाने के लिए कनेक्टिविटी बनाने हेतु डीडीयू जंक्शन के यार्ड में ईस्ट रिसीविंग केबिन से संबंधित अलग-अलग अपग्रेडेशन का काम करते हुए वहां नए पैनल इंटरलॉकिंग सिस्टम स्थापित कर दिया गया है. डीडीयू जंक्शन के ईस्ट रिसिविंग केबिन पर 62 रूट की क्षमता वाले नए पैनल इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना के साथ ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भारतीय रेलवे के मौजूदा ट्रैक नेटवर्क के साथ कनेक्टिविटी मिल गई है. इससे अब डीडीयू जंक्शन के ईस्टर्न रिसीविंग केबिन से संबंधित यार्ड क्षेत्र की लाइनों और ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में रेलगाड़ियों के सुचारू आवागमन की सुविधा हो गई है. इसके साथ ही ईस्ट रिसिविंग केबिन से संबंधित यार्ड क्षेत्र की लाइनों पर शंटिंग सुविधा भी उपलब्ध हो गई है.
डीडीयू रेल मंडल के वरीय मंडल परिचालन प्रबंधक और पीआरओ मोहम्मद इकबाल ने जानकारी देते हुए बताया कि डीडीयू जंक्शन के ईस्ट रिसीविंग केबिन पर नए इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ इंडियन रेलवे के मौजूदा नेटवर्क और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में कनेक्टिविटी बनाने के लिए बड़े पैमाने पर यार्ड रीमॉडलिंग और विद्युत ओवरहेड उपकरणों संबंधी कार्य किया गया है. ईस्ट रिसीविंग केबिन पर स्थापित नया सिस्टम सिग्नलिंग सुविधाओं व उपकरणों से लैस है.
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