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Indian Railway: बादलों के ऊपर दौड़ेंगी ये ट्रेनें, रेलवे ने बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा पुल

Indian Railway: भारतीय रेलवे अपने अनोखे कामों के लिए जाना जाता है. अब रेलवे ने एक हैरतअंगेज काम करके दिखाया है. जिसें सुनकर आप जरूर विचलित हो सकते हैं. क्योंकि तस्वीरों में आपको बादलों के ऊपर ट्रेन दौड़ती दिखाई पड़ेगी.

Updated on: 12 Feb 2022, 06:00 PM

highlights

तस्वीर देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान 
नदीतल से करीब 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया ये पुल
बादलों के ऊपर से होकर गुजरेंगी ट्रेन

नई दिल्ली :

Indian Railway: भारतीय रेलवे अपने अनोखे कामों के लिए जाना जाता है. अब रेलवे ने एक हैरतअंगेज काम करके दिखाया है. जिसें सुनकर आप जरूर विचलित हो सकते हैं. क्योंकि तस्वीरों में आपको बादलों के ऊपर ट्रेन दौड़ती दिखाई पड़ेगी. जी हां ये कोई फिल्मी तस्वीरें नहीं है. ये दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. जिस भारतीय रेलवे की ट्रेन होकर गुजरेंगी. पुल नदी तल 359 मीटर ऊंचाई पर है. जिसमें आपको दिखाई देगा कि बादल नीचे हैं और ट्रेन उनके ऊपर होकर गुजर रही है. भारतीय रेलवे जम्मू कश्मीर की चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बनाकर तैयार कर दिया है. चिनाब ब्रिज के नाम से जाना जाने वाला ये पुल इस साल दिसंबर तक रेल यातायात के लिए चालू हो जाएगा. यह पुल पेरिस के एफिल टावर से करीब 35 मीटर ऊंचा है और इसकी लंबाई करीब 1.3 किलोमीटर है. जिसे देखने के बाद यकीन करना मुश्किल हो जाता है.

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आपको बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर हैंडल से इस ब्रिज की तस्वीर शेयर की है. उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा, ‘बादलों के ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क चिनाब ब्रिज.’ बेहद ही खूबसूरत दिख रही यह तस्वीर किसी पेंटिंग से कम नहीं लग रही है. तस्वीर में दिख रहा है कि यह पुल इतना ज्यादा ऊंचा है कि बादल भी इसके कई फीट नीचे दिखाई दे रहे हैं.

चेनाब नदी के ऊपर नदीतल से करीब 359 मीटर की ऊंचाई पर बन रहे इस दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे पुल के मेहराब का काम पिछले साल अप्रैल में ही पूरा हो गया था. इस मेहराब का कुल वजन 10619 मीट्रिक टन है और उसके हिस्सों को केबल क्रेन द्वारा लगाया जाना भारतीय रेलवे द्वारा पहली बार किया गया है.इस पुल को बनाने का लक्ष्य कश्मीर घाटी की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है और इसका निर्माण उधमपुर- श्रीनगर- बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत 1486 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. खुद को सहारा देने वाला मेहराब शानदार अभियांत्रिकी का नमूना है.