Indian Railway-IRCTC: भारतीय रेलवे में काम करने वाले अधिकारियों के बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, रेलवे ने मध्यस्थ (Arbitrator) का काम करने वाले अधिकारियों के मानदेय (Honorarium) में भारी बढ़ोतरी कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन अधिकारियों का रोजाना मानदेय 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है. इस घोषणा के बाद अधिकारियों को आधे दिन के लिए मध्यस्थ का काम करने पर अब 250 रुपये की जगह 500 रुपये मिलेंगे.
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अधिकतम राशि को बढ़ाकर 20,000 रुपये किया गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन रेलवे ने मानदेय (Honorarium) की अधिकतम राशि को बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति केस कर दिया है. जहां तक मध्यस्थ (Arbitrator) का सवाल है. उस सभी विभाग आंतरिक विवादों को सुलाझाने के लिए नियुक्त करते हैं. बता दें कि इंडियन रेलवे में मध्यस्थ (Arbitrator) रखने की परंपरा काफी पुरानी है. मध्यस्थ कोई भी विवाद को बगैर कोर्ट की मदद के हल निकालने की कोशिश करता है. जब भी कोई विवाद मध्यस्थ के पास आता है तो वह दोनों पक्षों को सुनने के बाद वैध तरीके से मामले को सुलझाने में मदद करता है.
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इंडियन रेलवे में मध्यस्थ (Arbitrator) रखने की वजह से काफी फायदा होता है. रेलवे को कोर्ट में चलने वाले मुकदमों के ऊपर होने वाले खर्चों से राहत मिलती है. इसके अलावा कम खर्च में मामला सुलझ जाता है. साथ ही मामले को विभाग के अंदर ही सुलझा लिया जाता है. हालांकि जब भी फैसला लिया जाता है उसे अंतिम ही माना जाता है और फैसले के लिए दोबारा अपील का अधिकार नहीं होता है.