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Indian Railway-IRCTC: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, प्राइवेट ट्रेन समय पर चलाने के लिए रेलवे कर सकता है ये उपाय

Indian Railway-IRCTC: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निजी ट्रेनों को चलाने वाली कंपनियों को राजस्व के बारे में गलत जानकारी साझा करने पर जुर्माना चुकाना होगा.

Updated on: 14 Aug 2020, 10:55 AM

नई दिल्ली:

Indian Railway-IRCTC: भारत में निजी रेलगाड़ियों (private trains) के परिचालन में बॉम्बार्डियर, एल्सटॉम, सीमेंस और जीएमआर समेत 23 कंपनियों ने रुचि दिखाई है. रेलवे (Railway) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 12 खंडों में निजी रेलगाड़ियां चलाने को लेकर हुई बैठक में बीईएमएल, आईआरसीटीसी, भेल, सीएएफ, मेधा ग्रुप, स्टरलाइट, भारत फोर्ज, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और तीतागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हुईं थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे निजी ट्रेन को चलाने की योजना पर आगे तो बढ़ रहा है लेकिन कुछ कड़ी शर्तों के साथ ही उसका परिचालन किया जाएगा.

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 ट्रेनों के लेट होने या जल्दी पहुंचने की स्थिति में भरना होगा भारी जुर्माना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे की ओर से तैयार मसौदे के अनुसार निजी ट्रेन ऑपरेटर्स को ट्रेनों के लेट होने या जल्दी पहुंचने की स्थिति में भारी जुर्माना अदा करने पड़ेगा. यही नहीं निजी ट्रेनों को सालभर में 95 फीसदी तक समय का पाबंद होना पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निजी ट्रेनों को चलाने वाली कंपनियों को राजस्व के बारे में गलत जानकारी साझा करने पर जुर्माना चुकाना होगा. इसके अलावा कंपनियों की वजह से ट्रेन रद्द होने की गलत जानकारी देने पर भी भारी जुर्माना अदा करना पड़ेगा. गंतव्य तक पहुंचने में 15 मिनट से ज्यादा की देरी को समय की पाबंदी का उल्लंघन माना जाएगा.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समय की पाबंदी में 1 फीसदी की कमी के लिए कंपनियों को 200 किलोमीटर के बराबर भाड़ा चुकाना पड़ेगा. इसके अलावा कंपनियों को रेलवे के संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए 1 किलोमीटर के लिए 512 रुपये का भुगतान करना होगा. समय से 10 मिनट पहले ट्रेन के पहुंचने पर कंपनियों को 10 किलोमीटर के बराबर जुर्माना भरना होगा. वहीं अगर रेलवे की वजह से देरी होने की स्थिति में निजी ऑपरेटरों को समय की पाबंदी में 1 फीसदी की कमी होने पर 50 किलोमीटर के बराबर पैसा दिया जाएगा.