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भारतीय शिक्षण ऐप काउंटिंगवेल को मध्य पूर्व में लॉन्च किया गया

काउंटिंगवेल के सह-संस्थापक रवि जितानी ने एक बयान में कहा, "हमारे विस्तार के शुरूआती चरण में, हम 30-40 स्कूलों के साथ गठजोड़ करने की योजना बना रहे हैं."

Updated on: 16 Jun 2021, 04:05 PM

highlights

  • स्कूली बच्चों के लिए रामानुजन गणित छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजित करेगी
  • ऐप के एल्गोरिदम स्वचालित रूप से निर्धारित करते हैं कि बच्चे को पिछले ग्रेड से क्या सीखना चाहिए
  • ऐप के एक तिहाई से अधिक उपयोगकर्ता भारत भर के टियर -2 और टियर -3 शहरों से आते हैं

बेंगलुरू:

घरेलू एड-टेक स्टार्टअप काउंटिंगवेल ने ज्यादा दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बुधवार को घोषणा की है कि उसने मध्य पूर्व क्षेत्र में अपना परिचालन शुरू कर दिया है. इसके साथ, लोकप्रिय गणित सिखाने वाला ऐप शुरू में यूएई, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और बहरीन में उपलब्ध होगा. कंपनी ने कहा कि वह मध्य पूर्व में स्कूली बच्चों के लिए रामानुजन गणित छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजित करेगी, जो इस क्षेत्र में ऐप के लॉन्च के साथ होगी. काउंटिंगवेल के सह-संस्थापक रवि जितानी ने एक बयान में कहा, "हमारे विस्तार के शुरूआती चरण में, हम 30-40 स्कूलों के साथ गठजोड़ करने की योजना बना रहे हैं." जितानी ने कहा, "इस विस्तार से न केवल हमें मध्य पूर्व क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण गणित की शिक्षा देने में मदद मिलेगी, बल्कि छात्रों को वहां आने वाली समस्याओं और उनकी शिक्षा प्रणाली में अंतराल को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद मिलेगी."

कंपनी ने यह भी कहा कि उनके ऐप ने पिछली दो तिमाहियों में उपयोगकतार्ओं में 194 प्रतिशत तिमाही-दर-तिमाही (क्यूओक्यू) वृद्धि देखी है, जिसमें ऐप के एक तिहाई से अधिक उपयोगकर्ता भारत भर के टियर -2 और टियर -3 शहरों से आते हैं. जितानी ने कहा "हम वास्तव में खुश हैं कि स्कूली बच्चे और उनके शिक्षक दोनों काउंटिंगवेल और इसके अनूठे गणित शिक्षण को उपयोगी महसूस कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "हमारी शिक्षाशास्त्र को दो साल के गहन शोध के बाद विकसित किया गया है और इसे युवा छात्रों को सस्ती कीमत पर अत्यधिक अनुकूलित शिक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है." ऐप के एल्गोरिदम स्वचालित रूप से निर्धारित करते हैं कि बच्चे को पिछले ग्रेड से क्या सीखना चाहिए जिससे अधिक जटिल विषयों को लेने से पहले उन अवधारणाओं को पकड़ने और उनकी मदद करने में मदद मिले. ऐप ने अप्रैल में अपने पाठ्यक्रमों के जरिये कमाई शुरू की थी और आज इसके करीब 35 फीसदी छात्र टियर -2 और टियर -3 शहरों से आते हैं.