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New Wage Code के इंप्लीमेंट में लगेगा इतना समय, लोकसभा में श्रम मंत्री ने किया स्पष्ट

New Labour Code Update: न्यू वेज कोड का इंतजार देश के तमाम कर्मचारी कर रहे हैं. 1 जुलाई से चारों लेबर को़ड्स को लागू करने का आदेश सरकार ने दिया था. जिसके बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली थी.

Updated on: 18 Jul 2022, 06:41 PM

highlights

  • हाल ही चाल न्यू लेबर कोड को केन्द्र सरकार ने दी थी हरि झंडी
  • 1 जुलाई से अमल में लाया जाना था चारों न्यू कोड्स को 
  • कुछ राज्यों की और से सहमति न होने के चलते नहीं बन पाई थी बात 

नई दिल्ली :

New Labour Code Update: न्यू वेज कोड का इंतजार देश के तमाम कर्मचारी कर रहे हैं. 1 जुलाई से चारों लेबर को़ड्स को लागू करने का आदेश सरकार ने दिया था. जिसके बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन कुछ राज्यों की सहमति न मिलने के चलते इन्हें लागू नहीं किया गया. आज लोकसभा में बोलते हुए केन्द्रीय श्रम मंत्री ने स्पष्ट किया कि आखिर कब न्यू वेज कोड लागू किये जाएंगे. राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया है कि कई राज्यों ने अपने ड्राफ्ट पेश कर दी हैं. चार लेबर कोड पर राज्यों ने आपका पक्ष रख दिया है. 

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जानिए कब होगा लागू?
दरअसल, श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने 4 श्रम संहिताओं (Labour Codes) के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं. इन चारों संहिताओं को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए नियमों को भी अधिसूचित किए जाने की जरूरत है. 

आपको बता दें कि कुल 24 राज्य न्यू लेबर कोड को लागू करने की सहमति जता चुके हैं. लेकिन अभी 4 अन्य राज्यों की सहमति आना जरूरी है. जिसके बाद ही न्यू वेज कोड लागू किया जाएगा. चार वृहद श्रम संहिताओं में से वेतन/मजदूरी संहिता को संसद से 2019 में मंजूरी मिली थी, बाकी तीन संहिताओं को संसद के दोनों सदनों से 2020 में मंजूरी मिली. श्रम मंत्रालय चारों संहिताओं को एक साथ लागू करना चाहता है.

नए वेज कोड में है क्या ?
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े. आपको बता दें कि कर्मचारियों की '(Take Home Salary' घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. पीएफ के साथ साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा.