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IMC: भारत में जल्द ही 5G यूज करेंगे यूजर्स, अंबानी ने दिये ये संकेत

मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी है. जल्द ही भारत में 5G नेटवर्क लांच होने की संभावना है. क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) इसके संकेत दे चुके हैं.

Updated on: 08 Dec 2021, 11:16 PM

highlights

  • इंडियन मोबाइल कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे मुकेश अंबानी
  • 5G को लॉन्च करना भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए
  • भारत अब डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ चुका है

नई दिल्ली :

मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी है. जल्द ही भारत में 5G नेटवर्क लांच होने की संभावना है. क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) इसके संकेत दे चुके हैं. बुधवार को मुकेश अंबानी इंडियन मोबाइल कांग्रेस (Indian Mobile Congress) को संबोधित कर रहे थे. उन्होने कहा कि अब भारत को 4G से 5G की ओर जल्द बढ़ना चाहिए. 5G को लॉन्च करना भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए. इससे भारत में अब 5G लांच होने की संभावनाएं पुख्ता हो गई हैं. जानकारों का मानना है कि जल्द ही यूजर्स 5G का आनंद ले सकते हैं.

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दरअसल, मुकेश अंबानी इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) में अंबानी ने अपनी वर्चुअल बातचीत में कहा कि लाखों भारतीयों को देश की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए 2G तक सीमित रखना उन्हें डिजिटल इंडिया के लाभों से वंचित रखना है. भारत में तेज इकोनॉमिक रिकवरी आने का पूरा भरोसा है. देश में मोबाइल, डिजिटल सेक्टर में बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है. उन्होंने कहा 5G को रोल आउट करना भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए. जियो ने 5G डेवलप किया है जो पूरी तरह से क्लाउड नेटिव और डिजिटल रूप से मैनेज किया गया है. पिछले महीने एरिक्सन की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 5G तकनीक 2027 के अंत तक भारत में लगभग 39 प्रतिशत मोबाइल सब्सक्रिप्शन का लीड करेगी.

 टेक्नोलॉजी की भी जरूरत 
उन्होने आगे बताया कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में रिलायंस जियो के 44.38 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. अंबानी ने कहा कि भारत में मोबाइल कस्टमर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जब हम पॉलिसी के संदर्भ में स्ट्रेंथ की बात करते हैं, तो हम केवल सर्विसेज की स्ट्रेंथ के बारे में सोचते हैं. वास्तव में, भारत को न केवल सर्विसेज की, बल्कि टूल्स और टेक्नोलॉजी की भी जरूरत है. कोविड के समय में, जियो पांच मिलियन घरों में फाइबर-टू-होम पेश करने में सक्षम था.