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एक Demat Account से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर कैसे करें ट्रांसफर? जानिए तरीका

जानकारों का कहना है कि निवेशकों को एक Demat Account में सभी शेयरहोल्डिंग को लाने से अपने सभी शेयर को एक साथ देखने में मदद मिलती है.

Updated on: 24 Dec 2021, 11:16 AM

highlights

  • Demat के आने के बाद शेयर को डीमैट में ट्रांसफर होने में 1 दिन समय लगता है
  • डीमैट में शेयर्स जमा रहने की वजह से निवेशक खरीद-बिक्री तेजी से कर सकते हैं

नई दिल्ली:

Demat Account Benefits: टेडर्स के द्वारा खरीदे गए शेयर्स (Share) या बॉन्ड (Bomd) को डीमैट (Demat Account) में जमा किया जाता है. डीमैट अकाउंट में शेयर्स जमा रहने की वजह से निवेशक इनकी खरीद-बिक्री तेजी से कर सकते हैं. गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले डीमैट की सुविधा नहीं थी, उस समय शेयर पेपर फॉर्म में निवेशकों के घर पर पहुंचाए जाते थे. डीमैट के आने के बाद शेयर को डीमैट में ट्रांसफर होने में 1 दिन समय लगता है. इस तरह से Demat Account आपके शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड का हिसाब रखता है. बता दें कि मौजूदा समय में निवेशक कई डीमैट अकाउंट को खुलवा लेते हैं और कई बार यह स्थिति हो जाती है कि उन सभी अकाउंट पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है. 

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जानकारों का कहना है कि निवेशकों को एक डीमैट अकाउंट में सभी शेयरहोल्डिंग को लाने से अपने सभी शेयर को एक साथ देखने में मदद मिलती है. अब सवाल यह उठता है कि अगर कोई व्यक्ति एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर को ट्रांसफर करना चाहता है तो उसके लिए क्या करे? इस रिपोर्ट में हम आपको शेयर के ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को बता रहे हैं.

ऑनलाइन प्रक्रिया?
CDSL के साथ रखे गए शेयरों को ट्रांसफर करने के लिए ऑनलाइन सुविधा Easiest प्लेटफॉर्म उपलब्ध है. निवेशकों को इसके लिए https://web.cdslindia.com/myeasi/Home/Login पर रजिस्‍टर कराना होगा. इसके बाद जिस डीमैट अकाउंट में शेयर को ट्रांसफर करना है उस अकाउंट को जोड़ना होगा. अकाउंट के जुड़ जाने पर 24 घंटे के बाद पुराने डीमैट अकाउंट से नए में प्रतिभूतियों को ट्रांसफर किया जा सकता है.

ऑफलाइन प्रक्रिया?
NSDL या CDSL जैसे डिपॉजिटरीज के साथ ऑफ मार्केट ट्रांसफर के जरिए ऑफलाइन शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं. बता दें कि ऑफलाइन ट्रांसफर करने के लिए डिलीवरी इंस्‍ट्रक्‍शन स्लिप (Delivery Instruction Slip) यानी डीआईएस (DIS) भरने की जरूरत पड़ती है. DIS में ट्रांसफर होने वाले शेयर का ISIN नंबर और कंपनी का नाम दर्ज करना होगा. साथ ही जिस जगह पर इसको ट्रांसफर किया जा रहा है वह डीमैट अकाउंट और उसका DP आईडी को दर्ज करना होगा. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद पुराने वाले ब्रोकर के ऑफिस में इस फॉर्म को आगे की प्रोसेसिंग के लिए जमा करना होगा.  

बता दें कि शेयर के ट्रांसफर करने से ओनरशिप में बदलाव नहीं होता है. इसके अलावा इस स्थिति में ट्रांसफर कैपिटल गेंस का मामला नहीं बनता है. हालांकि ट्रांसफर रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए ब्रोकर की ओर से फीस चार्ज किया जाता है. हालांकि अगर पुराना अकाउंट बंद हो रहा है तो शायद उसके लिए किसी भी तरह की कोई फीस नहीं ली जाए.