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मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) के लिए कैसे कर सकते हैं आवेदन

जानकारों का कहना है कि आवेदन करने के 4 से 7 दिन के भीतर डेथ सर्टिफिकेट मिल जाता है. जानकारों का कहना है कि बीमा, प्रॉपर्टी के समाधान और उत्तराधिकार को तय करने आदि के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र जरूरी है.

Updated on: 17 Jun 2021, 03:09 PM

highlights

  • जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ रजिस्‍ट्रार/सब रजिस्‍ट्रार के पास जमा कराना होगा
  • कुछ राज्यों में मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है

नई दिल्ली :

Death Certificate: किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate Registration) एक सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट होता है. हालांकि कई बार 
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र  कैसे बनाया जाता है और यह कितना जरूरी है इसकी जानकारी परिवार के सदस्यों को नहीं होती है. आज की इस रिपोर्ट में हम आपको डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने का तरीका बताने जा रहे हैं. इसके अलावा यह भी बताएंगे कि यह क्यों बहुत जरूरी डॉक्यूमेंट है. जानकारों का कहना है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के 21 दिन के भीतर इसके लिए आवेदन करना होता है.  

आवेदन करने के 4 से 7 दिन के भीतर मिल जाता है डेथ सर्टिफिकेट 
जानकारों का कहना है कि आवेदन करने के 4 से 7 दिन के भीतर डेथ सर्टिफिकेट मिल जाता है. अगर कोई व्यक्ति परिवार के किसी सदस्य की मौत होने के 21 दिन बाद डेथ सर्टिफिकेट के लिए अपलाई करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ता है. व्यक्ति को इस सर्टिफिकेट को हासिल करने के लिए स्‍थानीय निकाय के ऑफिस से फॉर्म हासिल करना होगा या फिर नगर निगम की वेबसाइट से एप्‍लीकेशन फॉर्म को डाउनलोड करना होगा. फॉर्म को भरकर जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ रजिस्‍ट्रार/सब रजिस्‍ट्रार के पास जमा कराना होगा. बता दें कि इस फॉर्म में मृतक की व्यक्तिगत जानकारियां देनी होती है.

आवेदक को मृतक के साथ संबंध का प्रमाण पत्र देना जरूरी
जानकारों का कहना है कि फॉर्म के साथ मृतक का जन्म प्रमाण, मृत्यु की तारीख और समय बताने वाला एफिडेविट, राशन कार्ड की फोटोकॉपी, आधार कार्ड और NOC देना होगा. वहीं डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को मृतक के साथ संबंध का प्रमाण पत्र देना होगा. साथ ही पता और राष्ट्रीयता का प्रमाणपत्र भी दिखाना होगा. जानकारों का कहना है कि कुछ राज्यों में मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है. जानकारों का कहना है कि बीमा, प्रॉपर्टी के समाधान और उत्तराधिकार को तय करने आदि के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र जरूरी है.