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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच लोग लगवा रहे हैं Air Purifier, क्या ये वाकई में कारगर है?

इस समय दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा हो गया है कि हर कोई एयर प्यूरीफायर लगवा रहा है. क्या एयर प्यूरीफायर लगाना वाकई सही है? आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे.

Updated on: 26 Oct 2023, 07:48 PM

नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण चरम पर है. दिल्ली के कई हिस्सों में दिन में भी अंधेरा छाया हुआ है. वहीं, एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें तो कई इलाकों में यह 300 के पार कर गया है. आपको बता दें कि बदलते मौसम के कारण दिल्ली की हालत काफी खराब हो गई है. प्रदेश में तापमान तेजी से गिर रहा है और हवा की गति धीमी हो गई है. जिसके कारण आम लोगों को आंखों में जलन, खुजली, गले की एलर्जी, सिरदर्द और सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

इस समय प्रदूषण का स्तर भी विशेष रूप से चिंताजनक है. इसी बीच बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बाजार में एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ गई है. दिल्ली का बाजार हो या ऑनलाइन, एयर प्यूरीफायर खूब खरीदे जा रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई में प्यूरीफायर भीषण प्रदूषण के लिए कारगर साबित है?

एयर प्यूरीफायर कैसे करता है काम? 

प्यूरीफायर एक क्लोजड सिस्टम की तरह काम करता है. यह बाहरी हवा को सोखने के लिए पंखे का उपयोग करता है. इसके बाद प्यूरीफायर हवा को फिल्टर करने के लिए प्रोसेस करता है. इस दौरान हवा कई परतों से होकर गुजरती है. ये परतें कागज, फाइबरग्लास, फाइबर और जाली से बनी होती हैं. यदि प्यूरीफायर हाई क्वालिटी का है तो फिल्टर की कई परतें होंगी यानी फिल्टर जितना बेहतर होगा, आपको उतनी ही शुद्ध हवा देने की गारंटी दे सकता है. आपको बता दें कि लगातार चलने से प्यूरीफायर गंदा हो जाता है, ऐसे में हमें इसे समय-समय पर धोने की जरूरत पड़ती है. 

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हवा शुद्ध है कैसे जानें?

अब सवाल यह है कि जब हम इसे बाजार में खरीदने जाएं तो कैसे जानें कि यह बहुत अच्छा प्यूरीफायर है. बाज़ार में अधिकांश डिवाइस हवा को साफ़ करने के लिए मैकेनिकल फिल्टरेसन पर निर्भर होता हैं और क्लिन एयर डिलीवरी रेट  (CADR) से पता चलता है कि आपकी हवा कितनी क्लिन है. सीएडीआर ये भी बता है कि आपके रूप में एयर क्वालिटी कैसी है? इसके साथ ही आपके एयर क्लीनर का सीएडीआर कमरे की एरिया के कम से कम दो-तिहाई के बराबर होना चाहिए. उदाहरण के लिए, 10 फीट गुणा 12 फीट के डाइमेंसन वाले एक कमरे का क्षेत्रफल 120 वर्ग फीट है. कम से कम 80 के स्मोक सीएडीआर वाला एयर क्लीनर रखना सबसे अच्छा होगा. 

क्या एयर प्यूरीफायर लगाना कारगार है?

अब सवाल यह है कि क्या कमरे में एयर प्यूरीफायर लगाना वास्तव में कारगर साबित होगा? इसका उत्तर बहुत सिंपल है. जब हम अपने कमरे में होते हैं तो हमें यह पता नहीं चल पाता कि कमरे की हवा की गुणवत्ता क्या है? क्योंकि हमारे पास कमरे की हवा की गुणवत्ता जांचने के लिए ऐसा कोई डिवाइस नहीं होता है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि हम सभी के कमरे की हवा की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है.

कमरे में धूल के ऐसे कण हवा मिले होते हैं जो नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं. ऐसे में यह एयर प्यूरीफायर धूल के कणों को कैप्चर कर लेता है और आपके कमरे की हवा को साफ कर देता है. यानी एयर प्यूरीफायर लगाना कुछ हद ठीक है.