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सावधान : हरी सब्जियां कहीं आपकी तबियत 'लाल' ना कर दें!

कुछ व्यापारी सब्जियों को जल्दी पकाने या तैयार करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं या फिर इंजेक्शन लगाते हैं. इसके अलावा सिंथेटिक रंग या मैलाकाइट का हरा और मोम का लेप भी मिलाते हैं जिसकी वजह से सब्जियां अधिक चमकदार और हरी हो जाती हैं.

Updated on: 03 Sep 2021, 04:23 PM

highlights

  • सब्जियों में मिलावट कर धंधेबाज मुनाफा कमाते हैं
  • हरी पत्तेदार सब्जियों में मिलावट की जाती है
  • FSSAI ने सब्जियों की पहचान के लिए चार तरीके बताए हैं

 

नई दिल्ली:

हरी सब्जियों को सेहत के लिए जबर्दस्त फायदेमंद माना जाता है. डॉक्टर्स और डायटीशियन भी सलाह देते हैं कि अगर आप नियमित तौर पर हरी सब्जियों का सेवन करते हैं तो गंभीर बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं. हरी सब्जियां वजन कम करने, हार्ट से संबंधित बीमारियों, कोलेस्ट्रॉल कम करने, बीपी जैसी समस्याओं में कारगर होती हैं, लेकिन तब क्या जब यही हरी सब्जियां आपके जान की दुश्मन बन जाएं, देखने में हरी दिख रही सब्जियों की वजह से आपकी तबियत लाल हो जाए और आपको हॉस्पिटल दौड़ना पड़े. दरअसल ऐसे कई तरीके हैं जिसके जरिए हरी पत्तेदार सब्जियों में मिलावट की जाती है. कुछ व्यापारी सब्जियों को जल्दी पकाने या तैयार करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं या फिर इंजेक्शन लगाते हैं. इसके अलावा सिंथेटिक रंग या मैलाकाइट का हरा और मोम का लेप भी मिलाते हैं जिसकी वजह से सब्जियां अधिक चमकदार और हरी हो जाती हैं. इसके अलावा और भी तरीके हैं जिनसे सब्जियों में मिलावट कर धंधेबाज मुनाफा कमाते हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि मिलावटखोरी के इस धंधे से कैसे बचा जाए, कैले अपनी और परिवार की जान बचाई जाए. वो तरीका क्या हो सकता है जिससे हम पता लगा लें कि सब्जियों में मिलावट हुई है या नहीं. इसके लिए आसान तरीका अपनाकर हम पता लगा सकते हैं कि सब्जियों में मिलावट हुई है या नहीं.    

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FSSAI ने इसके चार तरीके बताए हैं। इन चार स्टेप्स से आप सब्जी में मिलावट चेक कर सकते हैं : 

  • लिक्विड पैराफिन में डूबी कॉटन का एक बॉल लें
  • इस कॉटन बॉल से हरी सब्जी की बाहरी हरी सतह पर रब करें मतलब रगड़ें
  • अगर रूई का रंग नहीं बदला तो समझ लीजिए कि सब्जी में मिलावट नहीं है
  • अगर रुई हरी हो गई तो समझ लीजिए सब्जी मिलावटी है

ये मैलाकाइट ग्रीन क्या है 
ये आपकी सब्जियों को हरा रंग देने के लिए सबसे आम मिलावटों में से एक है. इसके इस्तेमाल से मनुष्यों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक मैलाकाइट ग्रीन का मछली पालन उद्योग में ऐंटिफंगल एजेंट के रूप में ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग कपड़ा उद्योगों में नायलॉन, ऊन, रेशम, चमड़ा और कपास की रंगाई के लिए भी किया जाता है. अब सोचिए कि इसी से अगर आपकी सब्जियों को रंग दिया गया तो इससे आपकी सेहत पर कितना बुरा असर पड़ेगा. इसकी वजह से आप कार्सिनोजेनेसिस, म्यूटेनेसिस, क्रोमोसोमल फ्रैक्चर, टेराटोजेनिकिटी और श्वास संबंधी रोग का शिकार हो सकते हैं. तो सावधान हो जाएं और FSSAI के बताए जिस तरीके बताए गए हैं उससे सब्जियों को जरूर चेक करें कि कहीं वो मिलावटी तो नहीं. 
वहीं हाल ही में इंग्लैंड की रहने वाली एक लड़की सामने आई है जो खुद को बार्बी डॉल की तरह देखना चाहती थी. उस लडकी ने अपने चेहरे की 1 या 2 सर्जरी नहीं बल्कि 200 बार सर्जरी करवाई है. जी हां, इंग्लैंड की रहने वाली 28 साल की मैरी डेलगाइडिस ने खुद को बार्बी डॉल जैसा बनाने के लिए 200 बार सर्जरी करवाई. इन सारी सर्जरी करवाने में उसने 16 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. खबरों की मानें तो डेलगाइडिस बचपन में इतनी सुंदर नहीं थीं और जब उन्होंने सुंदर लोगों को महत्व मिलते देखा तो आगे चलकर बार्बी डॉल जैसी दिखने की ठानी और इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार थी. खबरों के मुताबिक डेलगाइडिस ने महज़ 17 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था. उन्होंने पोल डांसर के तौर पर काम शुरू किया और उससे मिलने वाले पैसों को सर्जरी के लिए बचाना शुरू कर दिया.