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पेट्रोल-डीजल के बाद चीनी भी हो सकती है सस्ती, सरकार ने एक्सपोर्ट पर लगाई रोक

सरकार लगातार महंगाई की मार कम करने कि लिए बड़े फैसले ले रही है, पहले पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)उसके बाद खाने के तेल से एक्साइज ड्यूटी (excise duty)हटाने के बाद अब चीनी का निर्यात (export of sugar)रोक दिया है.

Updated on: 25 May 2022, 04:23 PM

नई दिल्ली :

सरकार लगातार महंगाई की मार कम करने कि लिए बड़े फैसले ले रही है, पहले पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)उसके बाद खाने के तेल से एक्साइज ड्यूटी (excise duty)हटाने के बाद अब चीनी का निर्यात (export of sugar)रोक दिया है. एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार के इस फैसले से चीनी के दामों पर असर देखने को मिल सकता है. हालाकि दाम कम होने जैसी अभी कोई आधिकारिक घोषणा तो अभी तक नहीं हुई है. आपको बता दें कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस बाबत 24 मई की रात को एक अधिसूचना जारी की. इस आदेश के मुताबिक एक जून, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक चीनी के निर्यात पर प्रत्यक्ष तौर पर रोक लगा दी है. अनुमति खाद्य मंत्रालय के तहत चीनी निदेशालय की विशिष्ट अनुमति के साथ ही किसी भी देश को चीनी दी जाएगी.

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सरकार के मुताबिक बुधवार को चीनी की घरेलू स्तर पर उपलब्धता और दरों में स्थिरता बनाए रखने के लिए उसने चालू विपणन वर्ष में इसके निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित करने के लिए अधिसूचना जारी की है. बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एहतियात के तौर पर ये कदम उठा रही है. 90 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध पूरा चालू विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए करीब 90 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध किए जा चुके हैं. चीनी मिलों से करीब 82 लाख टन चीनी निर्यात के लिए निकाली जा चुकी है. साथ ही करीब 78 लाख टन का निर्यात किया जा चुका है.

इसलिए लिया गया फैसला 
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक यह निर्णय चीनी के रिकॉर्ड निर्यात की पृष्ठभूमि में लिया गया है. विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का निर्यात ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गया था. 2020-21 में निर्यात 70 लाख टन और 2019-20 में 59.6 लाख टन था. मंत्रालय ने कहा, चीनी निर्यात अभूतपूर्व तरीके से बढ़ने के मद्देनजर और देश में चीनी का पर्याप्त भंडार बनाए रखने, देश में चीनी के दाम बढ़ने से रोकने और देश के आम नागरिकों की हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने एक जून 2022 से चीनी के निर्यात का नियमन करने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है. कई देश तो पूरी तरह भारत की चीनी पर ही निर्भर हैं.