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4 मार्च को EPFO दे सकता है बड़ा झटका, कर्मचारी भविष्‍य निधि पर घटेगी ब्‍याज दर!

वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए मार्च 2021 के पहले हफ्ते में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ईपीएफ पर ब्‍याज दरों (EPF Interest Rates) की घोषणा कर सकता है.

Updated on: 16 Feb 2021, 08:08 PM

नई दिल्ली:

वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए मार्च 2021 के पहले हफ्ते में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ईपीएफ पर ब्‍याज दरों (EPF Interest Rates) की घोषणा कर सकता है. इसे लेकर ईपीएफओ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टीज को एक लेटर भेजकर श्रीनगर में चार मार्च 2021 को होने वाली मीटिंग के बारे में बताया है. इस मीटिंग में ईपीएफओ की कमाई और वित्‍तीय हालात (Earning and Financial Situation) को लेकर पूरी पड़ताल की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसी मीटिंग में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर के ऐलान करने के प्रस्ताव पर भी बड़ा फैसला होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

जानें क्‍यों घटाई जाएगी कर्मचरी EPFO पर ब्‍याज दर

इसे लेकर ईपीएफओ (EPFO) के ट्रस्‍टी केई रघुनाथन ने कहा कि उन्हें सोमवार को सीबीटी की अगली मीटिंग (CBT Metting) 4 मार्च को श्रीनगर में होने की जानकारी मिली है. इस मीटिंग का एजेंडा भी शीघ्र आने वाला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मीटिंग की सूचना से संबंधित ई-मेल में ब्याज दर पर चर्चा का जिक्र नहीं है. इस बीच ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफओ कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्‍य निधि पर ब्‍याज दर 8.5 प्रतिशत थी. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन की वजह से ब्‍याज घटाने का फैसला लिया जा सकता है.

2020 में घटाकर कर दिया सात साल का सबसे कम ब्‍याज 

ईपीएफओ ने मार्च 2020 में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्‍य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.5 प्रतिशत की थी. पिछले 7 सालों में यह सबसे कम ब्याज है. इससे पहले 2012-13 में ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत पर थीं. वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर सब्सक्राइबर्स को 8.65 प्रतिशत ब्याज मिला था. सब्सक्राइबर्स को ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए पीएफ जमा पर 8.65 प्रतिशत, 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत और 2015-16 के लिए 8.8 प्रतिशत ब्याज दिया था. वहीं, 2013-14 में पीएफ जमा पर 8.75 प्रतिशत का ब्याज मिलता था, जो वित्‍त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 प्रतिशत से अधिक था.