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Electric-CNG के बाद अब इस ईंधन से चलेंगे वाहन, Petrol-Diesel की टेंशन से मिलेगी मुक्ति

Petrol-Diesel Dependency: देश की जनता इन दिनों जहां एक ओर पॅाल्यूशन (Pollution)से जुझ रही है. वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी आम आदमी को रुलाकर रख दिया है. लेकिन सरकार भी देश को पॅाल्यूशन फ्री (pollution free)बनाने के लिए कई वैकल्पिक ईंधनों प

Updated on: 07 Nov 2022, 11:33 AM

highlights

  • सरकार ने पेट्रोल-डीजल की निर्भरता खत्म करने के बढ़ाए कदम 
  • देश के इस राज्य में लगने जा रहा है  ईंधन का पहला प्लांट
  • इलेक्ट्रिक और सीएनजी के बाद अब एक और फ्यूल की कवायद हुई पूरी


 

नई दिल्ली :

Petrol-Diesel Dependency: देश की जनता इन दिनों जहां एक ओर पॅाल्यूशन (Pollution)से जुझ रही है. वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी आम आदमी को रुलाकर रख दिया है. लेकिन सरकार भी देश को पॅाल्यूशन फ्री (pollution free)बनाने के लिए कई वैकल्पिक ईंधनों पर काम कर रही है. आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle) और सीएनजी के बाद अब गोबर गैस (Dung Gas)से भी गाड़ियों को चलाने की कवायद शुरू हो गई है. यही नहीं इसके लिए सरकार ने बिहार में प्लांट भी लगाना शुरू कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि जहां एक ओर गोबर गैस काफी सस्ता पड़ेगा. वहीं वह पूरी तरह पॅाल्युशन फ्री रहेगा. साथ ही इससे पेट्रोल-डीजल की निर्भरता भी काफी हद तक खत्म हो जाएगी.

दरअसल, पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel)का विकल्प लोगों के पास सीएनजी था. लेकिन उसकी कीमतें भी अब आसमान छूने लगी है. उसका एक बड़ा कारण ये भी है कि सीएनजी की मैन्यूफेक्चरिंग (Manufacturing of CNG)इंडिया से नहीं होती. इसके बाद अब इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) लोगों के लिए विकल्प बन रहे हैं. लेकिन अभी उनकी कीतमें इतनी ज्यदा हैं कि कोई भी आम आदमी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले सोचेगा. इसके अलावा अभी चार्जिंग प्वाइंट भी नहीं मिलने के चलते पेट्रोल-डीजल की निर्भरता कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है.

सस्ता विकल्प 
 इसलिए अब सरकार ने मेकिंग इंडिया (making india)के तहत गोबर गैस यानि सीबीजी गैस को ईंधन के रूप में यूज करने विकल्प तैयार किया है. बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से इसका प्लांट भी बिहार राज्य में लगने जा रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक सीबीजी गैस को बनाने के लिए गाय-भैंस के गोबर के अलावा पुआल, मुर्गी फार्म के अपशिष्ट पदार्थ व कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार का मानना है कि यह जहां बेहद सस्ता पड़ेगा वहीं इसके द्वाारा संचालित वाहन बेहद सस्ते होंगे.

प्लांट का हुआ टेंडर 
जानकारी के मुताबिक इस ईंधन को बनाने वाला पहला प्लांट बिहार के मसौढ़ी में लगने वाला है. जिसको लेकर सिटीजन केयर ग्रुप और इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं. प्लांट के अधिकारियों के मुताबिक बहुत जल्द प्लांट से गैस निकलना शुरू हो जाएगा. जिसका सीधा फायदा वाहन संचालकों को होगा. यही नहीं इससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा. हालाकि अभी गोबर गैस से चलने वाला इंजन तैयार नहीं हुआ है. इसके लिए भी कवायद की जा रही है.