Driving License Rules: ड्राइविंग लाइसेंस के इन नए नियमों को क्या आप जानते हैं? मिलते हैं कई फायदे
Driving License Rules: सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के नियम पहले से ज्यादा आसान कर दिए हैं.
highlights
- अब Driving License के लिए RTO के चक्कर लगाना जरूरी नहीं
- Driving License के लिए पहले लेना होगा अब प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट
नई दिल्ली:
Driving License Rules: करोड़ों लोग जो अभी भी अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO की वेटिंग लिस्ट में हैं उनके लिए यह खबर बेहद काम की है. केंद्रीय सरकार Driving License से जुड़े नियमों में बदलाव कर चुकी है. पहले जहां ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर काटने पड़ते थे वहीं अब ऐसा करना जरूरी नहीं रह गया है. बहुत से लोग इस बात से बेखबर होंगे कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना पहले जितना मुश्किल नहीं रहा. सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के नियम पहले से ज्यादा आसान कर दिए हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इन नियमों को नोटिफाई किया है. दरअसल ये नियम दिसंबर से लागू हो चुके हैं.
क्या कहते हैं नए नियम
नए नियमों के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जो आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए RTO
में अपने टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं. अब वे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
इन ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ही प्रशिक्षण ले कर टेस्ट पास करना होगा. टेस्ट पास करने पर आवेदकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिसके आधार पर वे
ड्राइविंग लाइसेंस ले पाएंगे.
ट्रेनिंग सेंटर के लिए जरूरी बातें
अधिकृत एजेंसियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे सुनिश्चित करेंगी दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास कम से कम एक
एकड़ जमीन हो. वहीं मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के लिए सेंटर्स के पास दो एकड़ जमीन हो. प्रशिक्षण देने वाला ट्रेनर कम से कम 12वीं
कक्षा पास हो. साथ ही उसे कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए. यही नहीं उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना जरूरी शर्त
है.
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मंत्रालय ने इन नियमों के तहत एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. जिसके अनुसार हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि
अधिकतम 4 हफ्ते होगी. यह कक्षा 29 घंटों तक चलेगी. इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को थ्योरी और प्रैक्टिकल में बांटा जाएगा. लोगों को बुनियादी
सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए प्रशिक्षण में 21 घंटे
देने होंगे. थ्योरी के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. इसमें जरूरी बातों जैसे रोड शिष्टाचार को समझना, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, दुर्घटनाओं के
कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ड्राइविंग ईंधन दक्षता को समझना शामिल होगा.
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