बसों के बाद अब पूर्ण क्षमता से दिल्ली मेट्रो को चलाने की तैयारी पूरी, सोमवार को होगा तय
दिल्ली मेट्रो को पूरी क्षमता से चलाने की तैयारी, सभी सीटों पर बैठने की मिल सकती है अनुमति
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में घटते कोरोना संक्रमण के बीच अब मेट्रो भी पूरी क्षमता से चलाने की तैयारी है. मेट्रो कोच के अंदर सभी सीटों पर बैठकर सफर करने की अनुमति मिल सकती है. आगामी सोमवार को एलजी अध्यक्षता में दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि बस में पहले ही सभी सीट पर सफर करने की अनुमति मिल चुकी है. मालूम हो दिल्ली मेट्रो ने घटते कोरोना संक्रमण के बीच पहले ही सरकार को कोरोना के चलते लगी पाबंदियों में राहत के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेज चुकी है.
सूत्रों की माने तो मेट्रो ने कोविड के चलते लगी पाबंदियों को हटाने की मांग की थी. इससे यात्रियों की संख्या को बढ़ाई जा सके. अभी दिल्ली मेट्रो के अदर जितनी सीट है उसमें सभी सीट पर बैठकर सफर करने की अनुमति नहीं है. दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली छोड़ना अनिवार्य है. यात्रियों की संख्या सीमित होने से भी दिल्ली मेट्रो का परिचालन का घाटा भी लगातार बढ़ रहा है हालांकि बीते कुछ समय से यात्रियों की संख्या बढ़ी है. इसका असर यह है कि मेट्रो स्टेशन के सीमित गेट खुले होने के कारण बाहर यात्रियों की लंबी कतार लगती है. बीते दिनों राज्यसभा में भी इन पाबंदियों को लेकर सांसदों ने सवाल उठाएं है. ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी डीडीएमए की बैठक में मेट्रो को पाबंदियों से थोड़ी राहत मिल सकती है.
बस में खड़े होकर यात्री की मंजूरी संभव
दिल्ली सरकार ने मेट्रो के अलावा बसों में भी खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति का प्रस्ताव डीडीएमए में भेजा है. अभी बसों में जितनी सीट है उतने ही यात्रियों को सफर करने की अनुमति है. बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है तो सरकार अब खड़े हो कर यात्रा करने की अनुमति देना चाहती है, मगर डीडीएमए से मंजूरी के बाद ही यह संभव है. सोमवार को बैठक में इसपर भी चर्चा होगी.
नोएडा मेट्रो से सफर करते हैं तो ध्यान दें, आ रही हैं 'फास्ट ट्रेनें', पीक ऑवर में इन 10 स्टेशनों पर नहीं रुकेगी मेट्रो
नोएडा मेट्रो (Noida Metro) की एक्वा लाइन (Aqua Line Metro) पर यात्रियों के सफर के वक्त को घटाने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Noida Metro Rail Corporation) ने 'फास्ट ट्रेन्स' शुरू करने की घोषणा की है. यह ट्रेनें पीक ऑवर्स यानी जब मेट्रो में सबसे ज्यादा यात्री सफर कर रहे होते हैं, उस वक्त में ऐसे स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी, जहां की राइडरशिप कम होती है, यानी कि जहां से ट्रेन में कम लोग चढ़ते हैं. NMRC की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु माहेश्वरी ने एक बयान जारी कर बताया कि सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच और शाम 5 बजे से 8 बजे के बीच टर्मिनल स्टेशनों (सेक्टर 51 स्टेशन और डिपो स्टेशन) से चलने वाली ट्रेनें 'फास्ट ट्रेनें' होंगी. एक्वा लाइन पर 21 ट्रेनें हैं, जिनमें 10 पर ये फास्ट ट्रेनें पीक ऑवर्स के दौरान नहीं रुकेंगी.
जिन स्टेशनों पर यह फास्ट ट्रेनें पीक ऑवर में नहीं रुकेंगी, वो हैं- सेक्टर 50, सेक्टर 101, सेक्टर 81, सेक्टर 83, सेक्टर 143, सेक्टर 144, सेक्टर 145, सेक्टर 146, सेक्टर 147 और सेक्टर 148 मेट्रो स्टेशन.फास्ट ट्रेनों के जाने की इस अवधि के दौरान इन स्टेशनों पर यात्रियों को QR टिकट नहीं बेचे जाएंगे. NMRC की हेड ने बताया कि औसतन एक्वा लाइन का औसतन रन टाइम, अगर सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन तक, देखें तो 45 मिनट 43 सेकेंड (एक तरफ से) है. लेकिन फास्ट ट्रेनों के चलने से यह टाइम घटकर 36 मिनट 40 सेकेंड हो जाएगा, जिससे कि एक्वा लाइन यात्रियों के 9 मिनट बचेंगे. वहीं, अगर सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से परी चौक मेट्रो स्टेशन के बीच के रन टाइम को देखें तो यह फिलहाल 37 मिनट है, फास्ट ट्रेन के आने से यह 28 मिनट 30 सेकेंड हो जाएगा. सोमवार से शुक्रवार के बीच ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी वहीं रहेगी, पीक ऑवर्स में ट्रेनें 7.5 मिनट के अंतर पर आती हैं और नॉन-पीक ऑवर्स में 10 मिनट के अंतर पर आती हैं. वहीं, शनिवार और रविवार को एक्वा लाइन पर ट्रेनें बिना कोई स्टेशन स्किप किए हुए 15-15 मिनट के अंतर पर आएंगी.यात्रियों को इस नए सिस्टम की जानकारी हो जाए, इसके लिए कोशिशें की जा रही हैं. नॉर्मल और फास्ट ट्रेनों की टाइमिंग की जानकारी और कौन-कौन से स्टेशन स्किप किए जाएंगे, इसकी जानकारी एक्वा लाइन के हर मेट्रो स्टेशन पर चलाई जाएगी. इसे लेकर ट्रेन और स्टेशन के अंदर घोषणाएं भी की जाती रहेंगी.
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