Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railway) लगातार प्रयास कर रहा है. इसी सिलसिले में रेलवे के सभी जोन प्रयासरत हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मालगाड़ियों को चलाने के अलावा, उत्तर रेलवे सेनिटाइजरों, फेस मास्कों और कवरॉल का निर्माण करने के साथ-साथ रेल डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड (Isolation Coaches) में बदलने का कार्य तेजी से कर रही है.
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515 रेल डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया
उत्तर रेलवे ने अब तक 3384 लीटर हैंड सेनिटाइजर, 15300 फेस मास्क, 491 कवरआल का निर्माण करने के साथ-साथ 515 रेल डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर लिया है. कोविड-19 (Corona Virus) के खिलाफ लड़ने के लिए उत्तर रेलवे ने रेल डिब्बों को आइसोलेशन कोचों में बदलने के लिए 105 कोच प्रतिदिन की उच्चतम रूपांतरण दर हासिल की है. इस प्रकार अब तक कुल 515 कोचों को आसोलेशन कोचों में बदला जा चुका है.
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रेलवे ने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए बनाया सबसे सस्ता वेंटिलेटर
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के बीच एक ऐसा सस्ता वेंटिलेटर (Ventilator) तैयार किया है, जो हजारों लोगों की जान बचाने में उपयोगी हो सकता है. इस सस्ते वेंटिलेटर ‘जीवन’ को कपुरथला रेल डिब्बा कारखाना ने विकसित किया है और आईसीएमआर से इसे मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है. ब्रूकिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में जीवनरक्षक वेंटिलेटर की भारी कमी है. अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या 57 हजार है. हालांकि यदि संक्रमण फैलता रहा तो खराब स्थिति में देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ सकती है. अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत पांच लाख रुपये से 15 लाख रुपये है.