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बदल गया बाइक पर पीछे बैठने का तरीका! अब ऐसे करनी होगी सवारी, जान लें क्या हैं सरकार के नियम

दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने बाइक के पीछे बैठने का तरीका बदल दिया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जरूरी गाइडलाइन जारी की है. जिसका पालन करना अनिवार्य है.

Updated on: 09 Dec 2020, 10:47 AM

नई दिल्ली:

लगतार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बाइक चलाने के नियम बदल दिए हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेफ्टी को ध्यान में रखकर कई नियमों में बदलाव किये हैं. वहीं, कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं. इन बदले हुए नियमों का सभी को पालन करना होगा. सिर्फ बाइक चलाने वाले ही नहीं पीछे बैठने और सामान रखने को लेकर भी कुछ नियम बनाए गए हैं. तो चलिए जानते हैं इन बदले हुए नियमों के बारे में 

ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड
मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के अनुसार बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड जरूरी है. हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सेफ्टी के लिए है. दरअसल बाइक में जब अचानक ब्रेक लगाया जाता है तो पीछे बैठी सवारी के लिए ये हैंड होल्ड काफी मददगार साबित होता है. अभी बाजार में जितनी भी बाइक आ रही हैं, उनमें यह सुविधा नहीं है. सरकार ने इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले कि लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पिछले पहिए में नहीं उलझे.

हल्का कंटेनर लगाने के भी दिशानिर्देश
नई गाइडलाइन के अनुसार बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं. हालांकि इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगी. अगर इस कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जा रहा है तो बाइक पर सिर्फ ड्राइवर को ही बैठने की इजाजत होगी. मतलब कोई दूसरा सवारी बाइक पर नहीं होगा. वहीं, अगर पिछली सवारी के स्थान के पीछे लगाने की स्थिति में दूसरे व्यक्ति को बाइक पर बैठने की इजाजत होगी. अगर कोई दूसरा सवारी बाइक पर बैठता है तो ये नियम उल्लंघन माना जाएगा.

टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन
सरकार की ओर से टायर में हवा के प्रेशर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है. इस सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को ये जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है. इसके साथ ही मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है. इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी.