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Change Rules: ये कर्मचारी हुए ग्रेच्युटी, पेंशन और पीएफ से बाहर, सरकार ने किया नियमों में बदलाव

Change Rules: ग्रेचुएटी, पेंशन व पीएफ लाभ से कुछ कर्मचारियों को बाहर किया गया है. नियम 13 में चेंज करते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि अब एक समय में दो सेवाओं पर कोई भी कर्मचारी नहीं रह सकता.

Updated on: 14 Sep 2023, 12:02 PM

highlights

  • सरकार ने कई विभागों के कर्मचारियों को किया बदले हुए नियमों में शामिल
  • अब नहीं किया जाता किसी भी पद पर नियुक्त, बताई बड़ी वजह 

 

नई दिल्ली :

Gratuity rule change: अगर आप भी आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और वस्तु एवं सेवा कर (GST) न्यायाधिकरण आदि के कर्मचारी हैं तो अब आपको ग्रेच्युटी, पेंशन और पीएफ का लाभ नहीं मिल पाएगा. सरकार ने संबंधित विभाग के कर्मचारियों  को इन सुविधाओं का लाभ देने से इनकार कर दिया है. यही नहीं बाकायदा इसके लिए नियमों में संसोधन किया गया है. नियम 13  में संसोधन करते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि पेंशन से लेकर पीएफ (Provident Fund) के लिए भी संबंधित विभाग के कर्मचारियों को पात्र नहीं माना जाएगाा. 

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दायरे में आएंगे ये लोग
सरकार के आदेशों के मुताबिक,  नए नियमों के लागू होने के बाद आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और वस्तु एवं सेवा कर (GST) न्यायाधिकरण के कर्मचारियों या सदस्यों को गेच्युटी, पेंशन और पीएफ का लाभ नहीं ​दिया जाएगा. साथ ही ट्रिब्यूनल सदस्यता को पूर्णकालिक नौकरी वाली कैटेगरी में रख दिया जाएगा, यानि ऐसे सभी सदस्यों को किसी एक सर्विस से इस्तीफा देना अनिवार्य होगा. एक ही समय में ये लोग दो सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकेंगे.  इसके लिए बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. वकीलों को भी किसी सराकरी सेवा का लाभ से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. 

ये बताए कारण
सरकार का मानना है कि पहले  न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायाधीशों को विपरित परिस्थितियों में सेवा में रहते हुए भी किसी विभाग के अध्यक्ष या सेवा के रूप में नियुक्ति दी जाती थी. जिस कारण वे पेंशन व अन्य सरकारी लाभ के हकदार बन जाते थे. लेकिन अब ऐसा करना बिल्कुल बंद हो गया है. नए आदेशों को मुताबिक यदि अब किसी अदालत के सेवारत न्यायाधीश को ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा, तो उन्हें ट्रिब्यूनल में शामिल होने से पहले अपनी मूल सेवाओं से इस्तीफा देना होगा. यानि एक ही समय में दो लाभ  के पद पर नहीं रहा जा सकता.