/newsnation/media/post_attachments/images/2023/09/29/pc-34-38-44.jpg)
train-water-shortage( Photo Credit : news nation)
ट्रेन के नल में पानी नहीं आ रहा... जब कभी ट्रेन में सफर करो, कोई न कोई यात्री ये शिकायत करता जरूर मिल जाता है. दरअसल एक बार में ट्रेन हजारों यात्रियों के साथ सफर करती है. लिहाजा उनके लिए उचित सुविधाएं मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में कभी-कभार कुछ ऐसे मामले पेश आते हैं, जब बीच सफर ट्रेन का पानी खत्म हो जाता है, जिससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, मगर अब ऐसा नहीं होगा...
अब ट्रेन के टॉयलेट और मुंह हाथ धोने के लिए टॉयलेट के बाहर बने वॉश बेसिन में कभी पानी खत्म नहीं होगा, क्योंकि रेलवे ने इस परेशानी से निपटने के लिए एक नई तकनीक तलाश ली है. दरअसल भारतीय रेलवे ने इसके लिए IoT आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम को इस्तेमाल में लिया है.
क्या है IoT आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम?
IoT मतलब इंटरनेस ऑफ थिंग्स, जब किसी समस्या के समाधान के लिए इंटरनेट का उपयोग होता है, तो इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स कहा जाता है. इस मामले में IoT का इस्तेमाल ट्रेन की टंकी में पानी की मॉनिटरिंग के लिए किया जाना है, जिसे हर बोगी में किया जाएगा.
इसकी पुष्टि मध्य रेलवे के सीपीआरओ द्वारा की गई है. बता दें कि फिलहाल इस तकनीक का ट्रायल हो रहा है. अब तक 3 ट्रेनों के 11 कोच में इसका ट्रायल किया जा चुका है. हासिल जानकारी के मुताबिक अब तक ये तकीनक सफल रही है. जल्द ही इसे बाकि ट्रेनों के लिए भी लागू कर दिया जाएगा.
IoT काम कैसे करता है?
चलती ट्रेन में जब कभी वॉटर टैंक का पानी 40 फीसदी से नीचे जाता है, तो इसकी जानकारी ऑटोमेटिकली ही रेलवे स्टाफ को प्राप्त हो जाएगी, जिसके बाद अगले स्टेशन पर ट्रेन की टंकी में दोबारा पानी भर दिया जाएगा. इसी तरह जब एक्सेल बॉक्स का तापमान 65 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो कंट्रोलर तक इसकी जानकारी पहुंच जाती है, जिसके बाद इस समस्या को भी रियल टाइम में सोल्व कर लिया जाता है.
Source :