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Debit-Credit Card को लेकर आई बड़ी खबर, जानिए आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर?

Debit-Credit Card के ब्यौरे को हटाकर वैकल्पिक कोड प्रणाली को लागू करने को टोकन व्यवस्था कहते हैं. RBI ने कहा है कि कार्ड ऑन फाइल (सीओएफ) आंकड़ा रखने की समयसीमा को 6 महीने यानी 30 जून, 2022 तक बढ़ाया जा रहा है.

Updated on: 24 Dec 2021, 01:33 PM

highlights

  • कार्ड ऑन फाइल की व्यवस्था पहले 1 जनवरी 2022 से लागू होने जा रही थी 
  • RBI ने उद्योग संगठनों से मिले प्रतिविदेनों के बाद 6 महीने के लिए टाला

नई दिल्ली:

Card Tokenisation: अगर आप डेबिट (Debit Card) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने ऑनलाइन खरीदारी के दौरान मर्चेंट के स्तर पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा दर्ज करने की जगह पर टोकन संख्या यानी विशिष्ट कोड (Card On File-CoF) के उपयोग की व्यवस्था लागू करने को 30 जून 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है. बता दें कि कार्ड ऑन फाइल की व्यवस्था पहले 1 जनवरी 2022 से लागू होने जा रही थी. RBI ने उद्योग संगठनों से मिले प्रतिविदेनों के बाद इसको 6 महीने के लिए टाल दिया है.

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बता दें कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड के ब्यौरे को हटाकर वैकल्पिक कोड प्रणाली को लागू करने को टोकन व्यवस्था कहते हैं. RBI ने कहा है कि कार्ड ऑन फाइल (सीओएफ) आंकड़ा रखने की समयसीमा को 6 महीने यानी 30 जून, 2022 तक बढ़ाया जा रहा है और उसके बाद कार्ड से जुड़े ब्यौरे को हटाना होगा. बता दें कि टोकन व्यवस्था के तहत विशेष वैकल्पिक कोड सृजित होता है और उसी के आधार पर ट्रांजैक्शन होता है.

आरबीआई का कहना है कि इंडस्ट्री टोकन व्यवस्था के अतिरिक्त EMI और इलेक्ट्रॉनिक मीडियम से होने वाली रेकरिंग विकल्प आदि के लिए वैकल्पि उपायों का चुनाव कर सकती है. बता दें कि सितंबर में आरबीआई ने विभिन्न इकाइयों को 1 जनवरी से अपने सर्वर से कस्टमर्स के कार्ड का ब्यौरा रखने से इनकार कर दिया था.