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Cabinet Committee के इस फैसले से गन्ना किसानों को कैसे होगा फायदा?

केंद्र सरकार इथेनॉल को वैकल्पिक ऊर्जा के तौर पर देख रही है. वह  इसका विस्तार करना चाहती है. इस तरह से कृषि क्षेत्र के ​जरिए इथेनॉल की ज्यादा मांग की आपूर्ति की जा सकेगी. 

Updated on: 02 Nov 2022, 08:09 PM

highlights

  • कृषि क्षेत्र के ​जरिए इथेनॉल की ज्यादा मांग की आपूर्ति की जा सकेगी
  • गन्ना किसानों और चीनी के मिलों को लाभ मिलेगा
  • इस फैसले से सभी डिस्टेलरी योजना को लाभ मिलेगा: हरदीप पुरी

नई दिल्ली:

गन्ना किसानों को बड़ा लाभ मिलने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी की (PM Modi) अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट समिति ने इथेनॉल की लागत में इजाफा किया है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (OMC) अब इसे ज्यादा कीमत में खरीदेंगी. ये इजाफा 2.75 रुपये प्रति लीटर है. दरअसल सरकार अब इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में गन्ना किसानों के फायदे को लेकर यह निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि पर्यावरण के अनुकूल इस ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार लगभग पूरे देश में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग करना चाहती है. केंद्र सरकार इथेनॉल को वैकल्पिक ऊर्जा के तौर पर देख रही है. वह  इसका विस्तार करना चाहती है. इस तरह से कृषि क्षेत्र के ​जरिए इथेनॉल की ज्यादा मांग की आपूर्ति की जा सकेगी. 

इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बढ़ने से भारत में कच्चे तेल के आयात बिल को कम करने में सहायता मिलेगी. इससे गन्ना किसानों और चीनी के मिलों को लाभ मिलेगा. कैबिनेट   की विज्ञप्ति के अनुसार, सभी डिस्टिलरी योजना इसका लाभ ले सकेंगी. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से सभी डिस्टेलरी योजना को लाभ मिलेगा. वहीं इथेनॉल की आपूर्ति ईबीपी (Ethanol Blended Petrol Programme) कार्यक्रामों के लिए भी हो सकेगी. किसानों को अब जल्द भुगतान में सहायता भी मिलेगी.